आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाती है। गुरु पूर्णिमा वेदव्यास पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस तिथि पर गुरु पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि कई पौराणिक और साहित्य की रचना करने वाले महर्षि वेद व्यास का जन्म आषाढ़ पूर्णिमा तिथि पर हुआ। जिसके कारण हर वर्ष इस तिथि को गुरु पूर्णिमा मनाया जाता है। इस बार 13 जुलाई को गुरु पूर्णिमा त्योहार है। ज्योतिष के अनुसार गुरु पूर्णिमा पर इस बार 102 साल बाद कई ग्रहों का राजयोग बन रहा है। ग्रहों के राजा भगवान सूर्यदेव मिथुन राशि में हैं जहां पर बुध के साथ युति बनाए हुए हैं। सूर्य और बुध के एक राशि में होने पर बुधादित्य योग बनेगा। वहीं ग्रहों के सेनापति और लाल ग्रह मंगल स्वयं की राशि मेष में है। जिसके कारण गुरु पूर्णिमा के दिन रुचक योग का निर्माण भी हो रहा है।
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मौजूदा समय में सूर्य को छोड़कर सभी ग्रह अपनी स्वयं राशि में गोचर कर रहे हैं। सूर्य और बुध के मिथुन राशि में होने पर बुधादित्य योग बना रहे हैं। गुरु पूर्णिमा पर ये संयोग वर्षों के बाद बन रहा है। ऐसे में इस बार गुरु पूर्णिमा फलदायी होने वाली है। इस बार गुरु पूर्णिमा तीन राशि वालों के लिए शुभ रहेगी। ये तीन राशियां हैं मिथुन, वृषभ और धनु। इन तीन राशि वालों कका गुरु पूर्णिमा पर भाग्योदय होने के संकेत हैं। इनको भाग्य का अच्छा साथ मिलेगा। नौकरी के अच्छे मौके प्राप्त होंगे। कार्यक्षेत्र में मान-सम्मान के साथ सुख-सुविधाओं और ऐशोआराम में बढ़ोतरी होगी। जीवन में सकारात्मक प्रभाव देखने को आएगा। व्यापार में अच्छा खासा मुनाफा प्राप्त होगा।