कांग्रेस पार्टी भी अब मान रही है कि आम आदमी पार्टी उसे नुक्सान पहुंचा रही है. गुजरात चुनाव में चुनाव प्रचार न करने वाले सीनियर नेता शशि थरूर ने गुजरात चुनाव के नतीजों पर हैरानी जताते हुए कहा कि हिमाचल और गुजरात दोनों जगह भाजपा सरकार थी, लेकिन हिमाचल में तो एंटी इंकम्बेंसी ने तो काम किया लेकिन गुजरात में उसका कोई असर नहीं हुआ जबकि वहां पर सत्ता के खिलाफ नाराज़गी ज़्यादा थी.
नतीजों पर प्रतिक्रिया देने से बचे थरूर
हालाँकि नतीजों पर प्रतिक्रिया देने से बचने की कोशिश करते हुए थरूर ने इस बात को ज़रूर माना कि गुजरात में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस पार्टी को नुक्सान पहुँचाया है. AAP को गुजरात में 13 प्रतिशत वोट मिलता दिख रहा है जो माना जा रहा है कि यह कांग्रेस पार्टी से टूटकर गया है. हालाँकि आम आदमी पार्टी को सीटें उसके दावों की तुलना में नाम मात्र मिल रही हैं लेकिन AAP की मौजूदगी से भाजपा का तो कोई नुक्सान नहीं हुआ हाँ कांग्रेस को ज़रूर भारी घाटे का सामना करना पड़ा है. यही वजह है कि भाजपा ने इस बार प्रचंड बहुमत हासिल किया है.
कांग्रेस का सबसे दयनीय प्रदर्शन
बता दें कि गुजरात के चुनावी इतिहास में कांग्रेस का यह सबसे कमज़ोर प्रदर्शन है वहीँ भाजपा की यह एक ऐतिहासिक जीत रही है. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने चुनावी भाषणों में अपील की थी कि इस बार भूपेंद्र को मोदी से बढ़कर बहुमत दीजिये और गुजरात की जनता ने इनकी अपील को मान लिया और गुजरात के इतिहास की सबसे बड़ी जीत दिला दी. इससे पहले कांग्रेस का1985 में 149 सीटों का कीर्तिमान रहा जबकि इस बार भाजपा को डेढ़ सौ से ज़्यादा सीटें मिलती हुई दिख रही हैं.