Gujarat chunavi dangal:- गुजरात मे होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव की तारीख भले अभी घोषित न हुई हो लेकिन यहां राजनेताओं के मध्य आरोप प्रत्यारोप के साथ नेताओं की दलबदलो राजनीति ने लय पकड़ ली है। हार्दिक पटेल के अपनी की पार्टी के खिलाफ बगावती तेवर कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं। वही जेल से रिहा होकर वापस आए विधायक जिग्नेश मेवानी भाजपा के गले की फ़ास बन गए हैं। यह आय दिन अपने भाजपा सरकार पर कटाक्ष करते नजर आते हैं। वही अब इन्होंने आक्रमक रूप धारण करते हुए 1 जून को।गुजरात बन्द का आह्वान किया है।
उन्होंने राज्य की सत्ताधारी सरकार को चुनौती दी है कि अगर वह वर्ष 2016 में एक सार्वजनिक आंदोलन के दौरान दलितों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस नहीं लेती है तो वह गुजरात बन्द पर बैठेंगे। जिस तरह पाटीदार समाज के लोगो पर दर्ज मामलों को सरकार ने वापस लेते समय कतई विचार नहीं किया ठीक उसी प्रकार दलितों पर दर्ज मामलों को वापस लेने के संदर्भ में भी सरकार को विचार नहीं करना चाहिए और उनपर दर्ज इन मामलों को वापस लेना चाहिए।
उन्होंने आगे अपनी जमानत के सन्दर्भ में कहा कि मैं उन मजबूत रीढ़ वाले जज को सलाम करता हूँ जिन्होंने तथ्यों को समझा। आज कल मजबूत रीढ़ वाले लोगो की अपेक्षा खोखली रीढ़ वाले लोगो की संख्या अधिक है। वही उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने उस ट्वीट को कभी नहीं हटाएंगे जिसमे उन्होंने कहा है की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांप्रदायिक अशांत क्षेत्रों में शांति की अपील करने के अलावा कोई कदम नहीं उठाया है। मैं भाजपा की आंखों में खटक रहा हूँ क्योंकि मैं पूरे देश मे भाजपा और आरएसएस की कुटिलता से युद्ध कर रहा हूँ और लोगो को उन्हें वोट न देने का संकल्प दिला रहा हूँ।