उत्तर प्रदेश के मेरठ में दिल्ली रोड स्थित एक होटल पर टर्नओवर छिपाकर कारोबार करने का मामला सामने आया है. होटल की ओर से किये जा रहे इस घोटाले से सरकार को 40 लाख का चूना लगने की बात सामने आयी. घोटाले का ये खुलासा तब सामने आया जब शुक्रवार को जीएसटी विभाग की विशेष टीम ने होटल क्रोम पर छापा मारकर महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जांच की। दस्तावेज़ों की जांच में होटल संचालक द्वारा टर्नओवर छिपाकर कारोबार करने समेत अन्य अनियमितताओं का पता चला है।
वहीं होटल क्रोम पर इस रेड का संयुक्त व्यापार संघ और ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने विरोध किया। इस रेड की जानकारी मिलने पर संयुक्त व्यापार संघ अध्यक्ष नवीन गुप्ता और ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन अध्यक्ष गौरव शर्मा भी वहां पहुंच गए। उधर, होटल संचालक गौरव नारंग ने बताया कि विभागीय अधिकारियों द्वारा मांगे गए सभी दस्तावेज जमा करा दिए गए हैं।
जानकारी के मुताबिक होटल संचालक द्वारा कंप्यूटर बिलिंग के साथ ही हैंड बिलिंग भी की जा रही थी और टोटल बिल पर GST में शामिल सर्विस टैक्स से अलग 10% सर्विस टैक्स की वसूली की जा रही थी और इस रकम से होटल संचालक अपनी जेब भर रहा था. इस बात की सूचना जब GST टीम को मिली तो पहले उसने होटल में निगरानी शुरू की और पुष्टि होने के बाद रेड मारी। दस्तावेज़ों की जांच से पता चला कि होटल संचालक की तरफ से सत्र 2019-20 और 2020-21 का टैक्स जमा नहीं किया गया था।
होटल क्रोम पर जीएसटी विभाग के रेंज-एडीसी गौरव प्रताप सिंह, ज्वाइंट कमिश्नर मनीषा शुक्ला और रेंज-बी ज्वाइंट कमिश्नर राजकुमार त्रिपाठी के नेतृत्व में विशेष टीम ने शाम साढ़े चार बजे होटल क्रोम में रेड की। अधिकारियों ने होटल के कर्मचारियों से पूछताछ करने के अलावा सारे कंप्यूटर और होटल में मिले दसवेज़ों की गहन छानबीन की.
रेड में शामिल कमिश्नर मनीषा शुक्ला के मुताबिक होटल क्रोम अपना वार्षिक टर्नओवर कम दिखा रहा था। इसके अलावा अलग से मैनुअली बिलिंग भी की जा रही थी। होटल द्वारा घोषित टर्नओवर और चुकाए गए टैक्स में भी कई तरह की अनियमितताएं पाई गई हैं। मनीषा शुक्ला ने बताया कि फर्म ने 2019-20 और 2020-21 में टैक्स नहीं चुकाया और टैक्स को आईटीसी से समायोजित किया गया। GST टीम ने होटल में सभी दस्तावेज अपने कब्ज़े में ले लिए हैं।