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घरेलू मुद्रा से विदेश व्यापार पर जोर, ई-कामर्स निर्यात को बढ़ावा

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नई दिल्ली। सरकार ने रुपये में भुगतान प्रणाली को मजबूत करने पर जोर देना शुरु किया है। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने बताया कि भारतीय रुपये को वैश्विक मुद्रा बनाने के लिए एफटीपी में बदलाव किए गए हैं ताकि घरेलू मुद्रा में विदेशी व्यापार लेनदेन संभव हो सके।

एफटीपी से ई-कॉमर्स निर्यात को बढ़ावा

उन्होंने कहा कि अगर ऐसे देश हैं, जहां मुद्रा की विफलता या डॉलर की कमी है तो हम उनके साथ रुपये में व्यापार करने को तैयार हैं। इसके अलावा, एफटीपी से ई-कॉमर्स निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। 2030 तक ई-कॉमर्स निर्यात बढ़कर 200-300 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। इसके अलावा, इसमें कूरियर सेवाओं के जरिये निर्यात के लिए मूल्य सीमा 5 लाख रुपये प्रति खेप से बढ़ाकर 10 लाख रुपये की गई है।

एकमुश्त निपटान के लिए आम माफी योजना

व्यापार, उद्योग के हित और निर्यातकों को प्रोत्साहन देने के लिए नई विदेशी व्यापार नीति में उन निर्यातकों को राहत दी गई है, जो अपने निर्यात बाध्यताओं को पूरा नहीं कर पाए। इसमें अग्रिम प्राधिकरण और निर्यात संवर्धन पूंजीगत वस्तु (EPCG) योजनाओं के तहत निर्यात बाध्यताओं में चूक को लेकर एकमुश्त निपटान के लिए आम माफी योजना शुरू की गई है।

आवेदनों का होगा डिजिटलीकरण

नई नीति में विदेश व्यापार नीति से संबंधित आवेदनों का डिजिटलीकरण होगा। यानी एफटीपी आवदेनों को स्वचालन प्रणाली के जरिये मंजूरी मिलेगी। साथ ही, आधुनिक प्राधिकार से संबंधित आवेदनों की प्रक्रिया में लगने वाले समय को घटाकर एक दिन करने की योजना भी शुरू की गई है।

हर जिले में निर्यात गतिविधियां

नई विदेश व्यापार नीति का उद्देश्य एससीओएमईटी (विशेष रसायन, जीव, सामग्री, उपकरण और प्रौद्योगिकी) नीति के तहत दोहरे उपयोग वाले उत्पादों के निर्यात को व्यवस्थित करना है। इसमें ‘निर्यात केंद्र के रूप में जिले’ पहल के जरिये राज्यों और जिलों के साथ गतिविधियों को बढ़ाने पर जोर दिया गया है। इसके तहत, हर जिले में उत्पादों व सेवाओं की पहचान करना, संस्थागत प्रणाली एवं जिला निर्यात कार्य योजना बनाना आदि शामिल है।

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