गाजियाबाद। थाना इंदिरापुरम इलाके के कनावनी गांव में स्थित झुग्गियों में भीषण आग लग गई। झुग्गियों के पास ही एक बड़ी गौशाला थी। जिसमें करीब 85 गाय मौजूद थीं। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और गौशाला को भी आग ने अपनी चपेट में ले लिया।आनन-फानन में मौजूद लोगों ने आग पर काबू पाने का प्रयास किया लेकिन आसपास कबाड़ होने के कारण आग और तेजी से फैल गई। जिसकी सूचना स्थानीय पुलिस और दमकल विभाग को दी गई।मौके पर पहुंची दमकल विभाग की टीम और स्थानीय पुलिस ने आग पर काबू पाने का प्रयास किया। लेकिन उसके बावजूद भी गौशाला में मौजूद 39 गायों की जलकर मौत हो गई।जबकि कुछ गायों को बचाया गया। इनमें से कुछ गाय अभी भी झुलसी हुई हालत में जिनका उपचार किया जा रहा है। इस मामले की गूंज लखनऊ तक जा पहुंची और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पूरे मामले में गहन जांच के आदेश भी दिए।
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मुख्यमंत्री के द्वारा दिए गए आदेश के बाद तत्काल प्रभाव से पुलिस के आला अधिकारी और गाजियाबाद के जिला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे।जहां उन्होंने स्थिति का जायजा लिया।लेकिन जब वह पहुंचे तो बड़ी संख्या में लोग प्रशासन से नाराजगी जताते हुए नजर आए।क्योंकि गौशाला संचालक सूरज पंडित का कहना है।कि यहां पर जो गौशाला बनाई गई थी। यह गौशाला कानावनी गांव के कुछ लोगों को खटक रही थी। इतना ही नहीं कुछ समय पहले सूरज पंडित को कुछ लोगों ने धमकी भी दी थी।सूरज पंडित का कहना है। कि उन्होंने इसकी शिकायत इंदिरापुरम कोतवाली में भी इसके अलावा पुलिस कंट्रोल रूम में भी सूचना दी गई। लेकिन पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। सूरज पंडित का कहना है। कि गौशाला के पास बड़ी मात्रा में कबाड़ में कूड़ा एकत्र किया जाता है। इसे हटाए जाने के लिए भी उन्होंने जिलाधिकारी वह नगर निगम में दरखास्त दी।लेकिन इस मामले में कोई सुनवाई नहीं हुई।सूरज पंडित ने साफ तौर पर प्रशासनिक अधिकारियों पर आरोप लगाया कि यदि उनकी इस शिकायत को गंभीरता से लिया जाता तो हो सकता है। कि शायद आज यह 39 गाय भी जीवित होती और इतना बड़ा हादसा नहीं होता। सूरज पंडित को शक है। कि किसी शरारती तत्व के द्वारा ही इस आग को अंजाम दिया गया है।बहरहाल सूरज पंडित के बयान के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने इस पूरे मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और हर पहलू पर जांच की जा रही है।