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Gauri Udiyar Cave: बागेश्वर की गौरी उड़ियार गुफा का रहस्य और रोमांच का ना भूलने वाला आकर्षण

Gauri Udiyar Cave

बागेश्वर देवभूमि उत्तराखंड के हिमालय और कैलाश मानसरोवर के रहस्य का अज्ञात प्रवेश द्वार कहे जाने वाले बागेश्वर में हमेशा पुरातत्वविदओ, इतिहासकारों, भू वैज्ञानिकों के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधनों की संपत्ति से प्रभावित होने वाले धर्म शास्त्रों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है. इन रहस्यों में से एक गौरी उड़ियार गुफा यहां आने वाले श्रद्धालुओं को हमेशा आकर्षित करती है. बागेश्वर शहर से महज 8 किलोमीटर दूर इस गुफा में भगवान शिव और माता पार्वती की कई मूर्तियां हैं माना जाता है कि इस गुफा का देव शिल्पी विश्वकर्मा ने निर्माण किया था.

धार्मिक महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गौरी उड़ियार गुफा (Gauri Udiyar Cave) का निर्माण प्राचीन काल में हुआ था. आज के समय में यह गुफा मंदिर का स्वरूप बन गई है. कहा जाता है कि भगवान शिव और पार्वती के विवाह में आए सभी देवी देवताओं ने यही विश्राम किया था. इस मंदिर की खास बात यह भी है कि यहां गर्मियों में ठंडा पानी और सर्दियों में गर्म पानी निकलता है. लोगों का कहना है कि प्राचीन काल में यहां दूध की नदी बहती थी. यूं तो गौरी उड़ियार मंदिर में पूरे साल दर्शन किए जा सकते हैं. अगर आपको मंदिर के साथ-साथ आसपास के प्राकृतिक और धार्मिक स्थलों का भ्रमण करना है तो अक्टूबर से मई के बीच में यात्रा सबसे अच्छी मानी जाती है. सर्दी के मौसम में यहां काफी ठंड होती है और आसपास की पहाड़ियों पर जमीन पर भारी आपकी यात्रा को और भी रोमांचित बना सकती है.

यहां भी कर सकते हैं दर्शन

गौरी उड़ियार मंदिर (Gauri Udiyar Cave) के दर्शन के साथ-साथ कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर आप कई प्रसिद्ध मंदिर और ग्लेशियरों का विजिट कर सकते हैं. मंदिरों में जहां बैजनाथ मंदिर, शिखर मंदिर, चंडीका मंदिर, बागनाथ मंदिर में धार्मिक लाभ ले सकते हैं तो वही पिंडारी ग्लेशियर में आप रोमांच का आनंद उठा सकते हैं. पिंडारी ग्लेशियर हमेशा से ही सभी ग्लेशियर ट्रैकर्स की पहली पसंद रही है.

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