भारतीय शेयर बाजार के पिछले छह कारोबारी सत्रों में विदेशी निवेशकों ने 26,505 करोड़ रुपये का निवेश किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि एफपीआई निवेश का फ्लो आगे भी जारी रहने की संभावना है। पिछले आठ दिसंबर तक FPI ने भारतीय शेयरों में 26,505 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है. अक्टूबर में विदेशी निवेशकोंने 9,000 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था. डेटा के मुताबिक FPI ने अगस्त और सितंबर में भारतीय बाजारों से 39,300 करोड़ रुपये निकाले थे.
बांड के मामले में इसी अवधि में एफपीआई ने बांड बाजार में 5,506 करोड़ रुपये का निवेश किया। जबकि नवंबर महीने में छह साल के उच्चतम स्तर 14,860 करोड़ रुपये और अक्टूबर में 6,381 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट आया था. FPI ने इस साल अब तक इक्विटी बाजारों में 1.31 लाख करोड़ रुपये और डेट बाजारों में 55,867 करोड़ रुपये का निवेश किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि एफपीआई प्रवाह में तेजी लाने में महत्वपूर्ण भूमिका राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों के नतीजों ने निभाई है जो आगे चलकर राजनीतिक स्थिरता का संकेतदेते हैं।
बाजार के जानकारों का मानना है कि भविष्य में विदेशी निवेश प्रवाह जारी रहेगा। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने अगले साल की पहली तिमाही से ब्याज दरों में कटौती का संकेत दिया है, जो ब्याज दरों में बढ़ती प्रवृत्ति के अंत का संकेत देता है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व रुख में इस बदलाव से अन्य मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर कमजोर हुआ है। अमेरिकी ट्रेजरी बांड पैदावार में गिरावट ने विदेशी निवेशकों को भारतीय इक्विटी बाजारों में निवेश करने के लिए प्रेरित किया है जसिकी वजह से एफपीआई फिर से अग्रणी बैंकों के खरीदार बन गए हैं ।