अमित बिश्नोई
भारत और ऑस्ट्रेलिया के मैच के साथ आईसीसी विश्व कप 2023 का पहला दौर ख़त्म हो गया और दूसरे दौर की शुरुआत हो गयी है. पहले दौर में सभी पांचों टीमों ने अपने अपने मैच खेल लिए और पांच टीमें 2-2 अंकों के साथ अंक तालिका में अपना नाम दर्ज करा चुकी हैं. पहले दौर के मैचों की बात करें तो सभी मैच थोड़ा ऊपर नीचे होने के बाद एकतरफा नज़र आये जिसका सबूत ये है कि सभी विजयी टीमों का नेट रन काफी अच्छा है. पहले चार मैचों में जहाँ बल्लेबाज़ों का पूरी तरह बोलबाला रहा वहीँ भारत और ऑस्ट्रेलिया के मैच में गेंदबाज़ों ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। पहले पांच मैचों में दो मैच बड़ी टीमों यानि दावेदारों के बीच खेले गए। पहला मैच मौजूदा चैंपियन इंग्लैंड और रनर अप न्यूज़ीलैण्ड के बीच खेला गया जिसे एकतरफा तौर पर कीवी टीम ने जीतकर पिछले विवादस्पद फाइनल में मिली हार का बदला चूका लिया वहीँ दूसरा मैच भारत और ऑस्ट्रलिया के बीच खेला गया जिसे थोड़ा लड़खड़ाने के बाद मेज़बान देश ने आसानी से जीत लिया। पहले दौर के बाद कहा जा सकता है कि भारत और न्यूज़ीलैण्ड ने अपनी दावेदारी को मज़बूत किया है.
पहले दौर के मैचों का अगर विश्लेषण किया जाय तो चोकर्स के रूप में मशहूर साउथ अफ्रीका का ज़बरदस्त आक्रामक रूप नज़र आया. श्रीलंका के खिलाफ हुए मैच में उसके बल्लेबाज़ों ने रिकॉर्ड तोड़ बल्लेबाज़ी की. इस मैच को विश्व कप के रिकॉर्ड ब्रेकिंग मैच के रूप में भी याद किया जायेगा। इस मैच में विश्व कप का सबसे बड़ा स्कोर “428” बना जो साउथ अफ्रीका की तरफ से आया जिन्हें 400 + का स्कोर करने में महारत हासिल होती जा रही है. पहली बार विश्व कप में किसी पारी में तीन शतक बने , ये शतकवीर थे साउथ अफ्रीका के क्विंटन डीकॉक, रासी वान डेर डुसेन और एडेन मारक्रम। विश्व कप का सबसे तेज़ पचासा भी बना जो मारक्रम के बल्ले से निकला। विश्व कप का सबसे बड़ा मैच स्कोर 754 बना क्योंकि श्रीलंका ने भी लक्ष्य का पीछा ज़ोरदार तरीके से किया था और 326 रन बनाये थे.
पहले दौर के पहले मैच का ज़िक्र करना भी ज़रूरी है क्योंकि न्यूज़ीलैण्ड ने जिस अंदाज़ में चैंपियन इंग्लैंड को हराया उसकी उम्मीद शायद इंग्लैंड को भी नहीं रही होगी। पिछले फाइनल की यादों में खेले जाने वाले इस मैच के बारे में लोगों को अंदाज़ा था कि मुकाबला इस बार भी कांटे का होगा लेकिन कीवी बल्लेबाज़ों मैच को एकतरफा बनाते हुए बदला लेने वाली जाट दर्ज की, हालाँकि इस मैच में विलियम्सन नहीं खेले थे. इंग्लैंड ने 282 का स्कोर बनाया था जिसे किसी भी हालत में छोटा स्कोर नहीं कहा जा सकता लेकिन डेवन कॉनवे (152) और रचिन रविंद्र (123) ने जिस तरह इंग्लिश गेंदबाज़ी का मान मर्दन करते हुए लक्ष्य को सिर्फ एक विकेट के नुक्सान पर और वो भी 13.4 ओवर पहले ही पूरा कर लिया वो अद्भुत था. विलियम्सन की गैर मौजूदगी का रचिन रविंद्र ने भरपूर फायदा उठाया और अपने पहले ही डेब्यू मैच में शतक जड़ दिया, वैसे विश्व कप डेब्यू मैच डेवन कॉनवे का भी था. न्यूज़ीलैण्ड ने इंग्लैंड की बैज़बाल थियोरी को पूरी तरह धराशायी कर दिया। इस जीत ने कीवी टीम की खिताबी दावेदारी को और मज़बूत कर दिया है, कीवियों ने दूसरे राउंड का पहला मैच भी बड़े मार्जिन से जीता है, नीदरलैंड के खिलाफ उसे 101 रनों से जीत हासिल हुई है.
पहले दौर के अंतिम मैच को भी ख़िताब जीतने के लिहाज़ से काफी अहम् माना जा रहा था. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुई इस जंग को टीम इंडिया ने फतह किया। पहले गेंदबाज़ों ने जलवा दिखाया और कंगारुओं को 200 रनों से पहले रोक दिया और इसके बाद विराट और के एल राहुल के बीच हुई 165 रनों की साझेदारी ने मैच को एकतरफा बना दिया। ये साझेदारी इस मायनों में बहुत अहम् थी क्योंकि ये तब आयी जब भारत के तीन विकेट 2 रनों पर गिर चुके थे और टीम बुरी तरह संकट में थी लेकिन सिर्फ एक मौके को छोड़ विराट और राहुल ने कीवी गेंदबाज़ों को कोई मौका नहीं दिया और मैच को आठ ओवर पहले ही ख़त्म कर दिया। ये जीत इसलिए भी अहम् थी क्योंकि संकट से उबरकर मैच को भारतीय बल्लेबाज़ों ने न सिर्फ अपनी ओर मोड़ा बल्कि एकतरफा भी बनाया जिससे निःसंदेह आने वाले मैचों में टीम का हौसला बढ़ेगा। पहले दौर के समापन पर कहा जा सकता है कि आने वाले मैचों में भी बल्लेबाज़ों का दबदबा रहने वाला है और बैटिंग के कई रिकॉर्ड ध्वस्त होने वाले हैं. पांच मैचों में पांच शतक आ चुके हैं, सबसे तेज़ फिफ्टी बन चुकी है, ऐसे गेंदबाज़ों के लिए ये विश्व कप एक कठिन परीक्षा साबित होने वाला है. पहले दौर के बाद अगर फेवरिट की बात की जाय तो बिला शुबहा न्यूज़ीलैण्ड और भारत का नाम सामने आता है. देखना होगा अगले दौर में इस दौर की टॉपर टीमों का परफॉरमेंस कैसा रहता है क्योंकि अभी सभी टीमों के लिए लम्बा सफर है.