भारत की बेटियों नीतू घंघास और स्वीटी बूरा ने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में शनिवार को क्रमशः 48 और 81किलोग्राम के वर्गों में धमाल मचाते हुए सोना जीतकर भारतीय खेलप्रेमियों को शानदार उपहार दिया. प्रतियोगिता के इतिहास में गोल्ड मेडल हासिल करने वाली नीतू घंघास और स्वीटी बूरा क्रमश: छठी और सातवीं भारतीय मुक्केबाज बन गयीं.
मैरी कॉम ने छह बार स्वर्ण पदक जीता
पिछले साल कॉमनवेल्थ खेलों की भी स्वर्ण पदक विजेता नीतू घंघास ने 48 किग्रा भार वर्ग में आज खेले गए पहले फाइनल में मंगोलिया की लुत्साइकहन अल्टनसेटसेग को 5-0 से मात देकर सोने पर कब्जा जमाया. कॉमनवेल्थ खेलों के बाद खेलों के बाद अब दुनिया के सर्वश्रेष्ठ मंच पर भी उन्होंने अपनी ताकत का अहसास करा दिया है. इससे पहले सेमीफाइनल में नीतू ने कजाखस्तान की एलुआ बाल्कीबेनावो को हराकर फाइनल में जगह बनायी थी. नीतू से पहले भारत के लिए वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में मैरी कॉम, सरिता देवी, लेखा कीसी, जेन्नी आरएल और निखत जरीन स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं. इनमें मैरी कॉम ने छह बार स्वर्ण पदक जीता है वही बॉकी मुक्केबाजों ने एक-एक बार ये कारनामा अंजाम दिया है.
शुरू से ही आक्रामक नज़र आईं स्वीटी पूरा
वहीँ 81 किग्रा भार वर्ग के मुकाबले की बात करें तो स्वीटी ने शुरुआत से ही आक्रामक शैली अपनाते हुए चीन की वैंग लिना पर लगातार प्रचंड प्रहार किए. जिसका फायदा यह हुआ कि पहले राउंड की समाप्ति के बाद स्वीटी बूरा सामने वाली बॉक्सर के खिलाफ एक प्वाइंट से बढ़त पर थीं. दूसरे राउंड में चीनी बॉक्सर ने वापसी की और कुछ शानदार पंच भारतीय बॉक्सर पर लगाए. लेकिन अंततः स्वीटी बूरा ने मैच को 4-3 से अपने पक्ष में कर गोल्ड मैडल हासिल कर लिया.