पहले WPL के एलिमिनेटर मुकाबले में वहीँ टीम जीतकर फाइनल में पहुंची जिसे वाकई सबसे पहले फ़ाइनल में पहुंचना चाहिए था लेकिन लगातार पांच 5 जीतने के सफर में थोड़ी रूकावट आयी और मुंबई इंडियंस को दो मैच हारने पड़े जिसके नतीजे में उन्हें यूपी वारियर्स के साथ एलिमिनेटर राउंड खेलने को मजबूर होना पड़ा. सच कहें तो दोनों के बीच कोई मुकाबला नज़र नहीं आया. फाइनल में वही दो टीमें पहुंची जो सबसे ज़्यादा डिज़र्व करती थीं, यानि मुंबई और दिल्ली जो रविववार को खिताब के लिए भिड़ेंगी।
नैटली सिवर-ब्रंट की धुंआधार पारी
मैच की बात करें तो मुंबई की टीम ने बस टॉस हारा। उसके बाद खेल के हर क्षेत्र में उनकी जीत हुई है। पहले बल्लेबाज़ी करते हुए उन्होंने एक बढ़िया स्कोर बनाया और जब गेंदबाज़ी की बारी आई तो लगातार अंतराल पर उनके गेंदबाज़ों ने विकेट लेते हुए यूपी को बैकफ़ुट पर रखा। साथ ही जबर किरण नवगिरे काउंटर अटैक कर रहीं थीं तो वॉन्ग ने हैट्रिक लेकर यूपी के बचे-खुचे चांस को भी ख़त्म कर दिया। मुंबई ने चार विकेट पर 184 का बड़ा स्कोर खड़ा किया जो यूपी के लिए और बड़ा साबित हुआ और पूरी टीम 110 रनों पर ही ढेर हो गयी. मुंबई ने मैच 72 रनों के अंतर से जीत लिया। कह सकते हैं कि नैटली सिवर-ब्रंट की पारी के अंतर से जिन्होंने मुंबई के लिए 72 रनों की नाबाद खेली और टीम को एक विशाल स्कोर खड़ा करने में मदद की.
सिवर का कैच ड्रॉप करना पड़ा भारी
हार के बाद यूपी की कप्तान हीली ने कहा कि अगर हमने सिवर का कैच ड्रॉप नहीं किया होता तो शायद मैच हमारे पक्ष में होता। हमने अपने गेंदबाज़ी पर भरोसा दिखाया था। मैं उस पर ज़्यादा कमेंट नहीं करूंगी। अंजली ने जो कैच लिया था वह रियल टाइम वीडियो में सही दिख रहा था। इस टूर्नामेंट में संघर्ष हमारा सबसे बड़ा हथियार रहा रहा है। कोई भी यूपी वॉरियर्स को एक मज़बूत टीम के तौर पर नहीं देख रहा था। हमने जिस तरीक़े का खेल दिखाया है, उससे मैं काफ़ी ख़ुश हूं। फ़ाइनल से पहले टीम को जीत की पटरी पर वापस लौटाने वाली मुंबई इंडियंस की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहा कि हमारे पास एक अच्छा गेंदबाज़ी अटैक है। दिल्ली काफ़ी अच्छी टीम हैं और हम सिर्फ़ फ़ाइनल का लुत्फ उठाना चाहते हैं।