नई दिल्ली। पिछला हफ्ता भारतीय मार्केट के लिए अच्छा नहीं रहा, निफ्टी और सेंसेक्स में 2.50% की गिरावट आई, बाजार में वैश्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की चिंता बनी रही। सप्ताह के दौरान निफ्टी 2.67% गिरकर 17,465.80 पर जबकि सेंसेक्स 2.52% गिरकर 59,463.93 पर बंद हुआ।
बैलिस्टिक मिसाइलों और ब्याज दरों का असर
सप्ताह के पहले दिन अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा लंबी अवधि के लिए उच्च ब्याज दरों को बनाए रखने की आशंका और उत्तर कोरिया द्वारा अतिरिक्त बैलिस्टिक मिसाइलों के लॉन्च का असर शेयर मार्केट पर देखने को मिला। भारतीय बाजार अपने इंट्राडे लो के करीब बंद हुए।
मंगलवार को नकारात्मक संकेतों का प्रभाव
इसके बाद मंगलवार को वैश्विक ट्रेडर्स के नकारात्मक संकेतों ने निवेशकों की भावनाओं पर छाया डाला, सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में गिरावट के साथ बाजार में उतार-चढ़ाव बना रहा।
बुधवार को मार्केट में गिरावट जारी रही और सेंसेक्स और निफ्टी दोनों अपने इंट्राडे लो के करीब बंद हुआ, जिसके परिणामस्वरूप निवेशकों को नुकसान हुआ। निवेशक भारत की जीडीपी की आधिकारिक तिमाही रीडिंग का इंतजार कर रहे हैं जो अर्थव्यवस्था की स्थिति और ब्याज दरों की भविष्य की दिशा पर अतिरिक्त प्रकाश डालेगा।
गुरुवार को मुद्रास्फीति चिंता का विषय
गुरुवार को, मुद्रास्फीति एक चिंता का विषय बनी हुई है, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और फेडरल रिजर्व (FED) की बातों ने खुलासा किया कि ब्याज दरों में वृद्धि जारी रखने के इच्छुक हैं। नतीजतन सेंसेक्स और निफ्टी दोनों गिरावट के साथ बंद हुए।
शुक्रवार को दिन रहा उतार—चढ़ाव भरा
शुक्रवार को सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन भारतीय बाजार उतार-चढ़ाव भरे रहे, FOMC मिनट्स के बाद अनिश्चितता बरकरार रहा। फेडरल रिजर्व की दर में वृद्धि के भविष्य केट्रेजेक्टरी पर अनिश्चितता के कारण निवेशक इक्विटी में खरीदारी करने के लिए अनिच्छुक रहे।