भारतीय टेनिस सनसनी सानिया मिर्जा ने शुक्रवार को ऑस्ट्रेलियन ओपन के मिश्रित युगल के फाइनल में हार के साथ अपने कैरियर का समापन कर दिया। फाइनल में हार के बाद सानिया अपने आंसुओं पर कंट्रोल नहीं कर सकीं। भरे गले से उन्होंने कहा कि उनके कैरियर का इससे बेहतर अंत नहीं हो सकता था, मैंने जहाँ से अपने पेशेवर टेनिस की शुरुआत की वहीँ पर आज उसे एक पड़ाव दिया। मैंने कभी सोचा नहीं था कि अपने बेटे के सामने मैं ग्रैंड स्लैम फाइनल खेलूंगी।
ब्राज़ीली जोड़ी ने हराया
ऑस्ट्रेलियन ओपन मिक्स्ड डबल्स के फाइनल में ब्राजील की जोड़ी लुसा स्टेफनी और राफेल माटोस ने सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना की जोड़ी को 7-6, 6-2 से हराया। ब्राज़ीलियन जोड़ी का यह पहला ऑस्ट्रेलियन ओपन खिताब है। मैच की समाप्ति के बाद सानिया मिर्ज़ा काफी भावुक हो गयीं। भारतीय महिला टेनिस स्टार ने कहा कि मैं अपने ग्रैंडस्लैम करियर को पड़ाव देने के लिए इससे बेहतर जगह के बारे में नहीं सोच सकती, क्योंकि इसी जगह से मैंने अपने कैरियर की शुरुआत की थी. सानिया ने कहा कि रॉड लेवर अरीना का उनके जीवन में हमेशा ख़ास मकाम रहेगा।
सातवें ग्रैंड स्लैम खिताब से चुकीं
सानिया अगर यह फाइनल जीत जातीं तो उनके लिए ये सातवां ग्रैंड स्लैम और तीसरा ऑस्ट्रेलियन ओपन खिताब होता। सानिया ने अपने जीवन में चालीस से ज़्यादा डबल्स खिताब जीते हैं, वो नब्बे हफ़्तों से भी ज़्यादा महिलाओं की डबल्स में WTA की रैंकिंग में नंबर वन रही हैं. सानिया ने जनवरी में टेनिस से संन्यास लेने का एलान किया था, पहले कहा गया था कि वो दुबई WTA टूर्नामेंट से संन्यास लेंगी मगर ऑस्ट्रेलियन ओपन शुरू से ठीक पहले उन्होंने अपना इरादा बदलते हुए इसे ही अपना आखरी टूर्नामेंट बताया था. अपने आखरी ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट को यादगार बनाने से सानिया सिर्फ एक मुकाबला जीतने से चूक गयी.