पिछले कुछ समय से लगातार असफलताओं से जूझ रहे के एल राहुल को आखिरकार इंदौर टेस्ट में मौका नहीं दिया गया, उनकी जगह पर बेंच पर बैठे शुभमन गिल को टीम में शामिल किया, यह अलग बात है कि अच्छी शुरुआत के बाद वो अपनी लय बरकरार न रख सके और 21 रन बनाकर आउट हो गए हालाँकि गिल का ये स्कोर भी भारत की पहली पारी का दूसरा सबसे बड़ा स्कोर साबित हुआ, उनसे ज़्यादा रन विराट कोहली (22) ने ही बनाये। बाकी तो पूरी टीम 109 रनों पर ही ढेर हो गयी.
पिछली 12 टेस्ट परियों में सिर्फ एक पचासा
दरअसल राहुल को टीम से बाहर करने की मांग तो पिछले कुछ समय से उठ रही थी, फिर भी उन्हें कोच द्रविड़ और कप्तान रोहित का समर्थन लगातार प्राप्त रहा और वो टीम में बने रहे. इतना सपोर्ट मिलने के बाद भी राहुल के बल्ले से नहीं निकल पा रहे थे जिसका नतीजा यह हुआ कि उन्हें पहले उपकप्तानी से हटाया गया और अब टीम से बाहर बिठाया गया टेस्ट क्रिकेट की बात करें तो के एल राहुल अपना आखिरी शतक 2021 में सेंचुरियन में साउथ अफ्रीका के खिलाफ बनाया था, तब उन्होंने 123 रनों की पारी खेली थी. तब से अबतक राहुल टेस्ट मैचों की 12 पारियों में सिर्फ एक अर्धशतक ही लगा सके हैं.
अब गिल पर परफॉरमेंस का दबाव
इस बीच एशिया कप, टी-20 वर्ल्ड कप. पाकिस्तान के खिलाफ अहम मैच में केएल राहुल बुरी तरह नाकाम रहे, ऐसे में लोगों के निशाने पर आना बनता है. सवाल यही पूछे जा रहे थे कि कोच और कप्तान दोस्ती निभाएंगे। यहाँ पर राहुल से ज़्यादा ज़िम्मेदार टीम मैनेजमेंट है जिसने इतनी असफलताओं के बाद भी राहुल पर भरोसा जताया। भरोसा किसी भी क्रिकेटर के लिए हौसला बढ़ाने का काम करता है लेकिन जब नाकामियां लम्बी हो जांय तो यही भरोसा उस खिलाड़ी पर दबाव भी बढ़ाता रहता है, नाकामी से निकलने का दबाव। राहुल इन दिनों वही दबाव महसूस कर रहे हैं. बहरहाल राहुल टीम से बाहर हुए हैं, अब शुभमण पर बेहतर परफॉरमेंस का दबाव है, उन्हें साबित करना है कि उन्हें टीम में लाने की मांग करने वाले सही मांग कर रहे थे.