नई दिल्ली। शोधार्थियों ने एक अध्ययन में दावा किया है कि कोरोना ओमिक्रॉन sub variant का एक्सबीबी.1.5 अधिक खतरनाक है। यह sub variant तेजी से संक्रमण फैलाने की क्षमता रखता है।
तीन साल बाद भी कोरोना वायरस का खौफ बना हुआ है। हालांकि, इसके खिलाफ अत्यधिक प्रभावी टीके अब मौजूद हैं। इसके बावजूद इसके वायरस में आनुवंशिक बदलावों की निगरानी बेहद जरूरी है। द लैंसेट इंफेक्शन डिजीज जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के जरिये जापानी शोधकर्ताओं के नेतृत्व में एक टीम हाल ही में नए एक्सबीबी.1.5 उप स्वरूप को चिह्नित करने में सफलता हासिल की है, जिसका पहली बार अक्तूबर 2022 में पता चला था।
जापान यूनिवर्सिटी ऑफ टोक्यो के द इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस प्रोफेसर केई सातो ने बताया कि ओमिक्रॉन का एक्सबीबी.1.5 sub variant पिछले स्वरूप की तुलना में अधिक तेजी से फैलने की क्षमता रखता है। इसमें अगले स्वरूप को पैदा करने की क्षमता अधिक है। ऐसे में कोरोना वृद्धि को लेकर आशंका जताई जा रही है। उसके लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा को लेकर सावधानीपूर्वक निगरानी करनी चाहिए।
स्पाइक प्रोटीन में नया म्यूटेशन
शोधकर्ताओं के अनुसार, एक्सबीबी.1.5 उप स्वरूप के स्पाइक प्रोटीन में नया म्यूटेशन है। टोक्यो विश्वविद्यालय के सिस्टम वायरोलॉजी विभाग के प्रो. केइया उरीउ ने बताया, स्पाइक प्रोटीन में अमीनो एसिड प्रतिस्थापन और वायरल में वृद्धि देखी गई है जो पश्चिमी और पूर्वी गोलार्ध में प्रमुख समस्या बनी हुई है। बीते साल एक्सबीबी.1.5 वैरिएंट ने एक्सबीबी.1 को जन्म दिया था जिसके स्पाइक प्रोटीन में प्रतिस्थापन होने की वजह से अमेरिका में तेजी से फैला था। शोधकर्ताओं का मानना है कि सभी देशों को वायरस के बदलावों पर गंभीरता से निगरानी रखनी चाहिए।