पूल मैचों में भारतीय हॉकी टीम ने जिस तरह का प्रदर्शन किया था उसे देखते हुए पहले ही इस बात की आशंका जताई जाने लगी थी कि क्रॉसओवर मैच में न्यूज़ीलैण्ड की टीम भारत पर भारी पड़ सकती है और आशंका सच साबित हुई. मेज़बान देश भारत का FIH ओडिशा मेंस हॉकी विश्व कप में सफर आज समाप्त हो गया. एक समय 3-1 से बढ़त पर चलने वाली टीम अंततः पेनाल्टी शूट आउट में 4-5 से हार गयी. इसलिए ब्लैक स्टिक को क्वार्टरफईनल में जाने का मौका मिल गया जहाँ उसे बेल्जियम से भिड़ना होगा। इससे पहले आज के पहले मैच का नतीजा भी पेनाल्टी शूट आउट से ही आया जहाँ स्पेन ने मलेशिया को 4-3 से हराकर क्वार्टर फाइनल में पहुँच हासिल की.
श्रीजेश का घायल होना भारी पड़ा
भारत और न्यूज़ीलैण्ड की बात करें तो पेनाल्टी शूट आउट में श्रीजेश का लगातार तीन हमले बचाने के बाद घायल होना टीम के लिए बहुत भारी पड़ा, इसके अलावा शमशेर का तीन बार पैनल्टी शूट आउट में चूकना भी भारत के अरमानों पर पानी फेर गया. हालाँकि पहले तीन क्वार्टर में भारतीय टीम बहुत चढ़कर खेली और चौथे क्वार्टर से पहले 3-1 से बढ़त पर थी. लग रहा था कि टीम क्वार्टर फाइनल में पहुँच जाएगी मगर चौथे क्वार्टर में ब्लैक स्टिक वाले बिलकुल अलग रंग में नज़र आये. उनके लगातार हमलों ने भारतीय टीम को बैकफुट पर धकेल दिए. न्यूज़ीलैण्ड ने इस बीच दो गोल कर मैच को बराबरी पर ला खड़ा किया।
6 मिनटों का फायदा नहीं उठा सका भारत
टीम इंडिया के पास आखिर के 6 मिनटों में मैच को अपनी पकड़ में लाने का काफी अच्छा मौका था क्योंकि ब्लैक स्टिक 10 प्लेयर के साथ खेल रही थी. उन्होंने अपनी रणनीति में बदलाव किया और मैच को बराबरी की तरफ ले जाने की कोशिश की, इन 6 मिनटों में भारतीय टीम ने कोई गंभीर प्रयास नहीं किया। अलबत्ता निर्धारित समय के अंतिम सेकंड में न्यूज़ीलैण्ड को ज़रूर मौका मिला था. मैच निर्धारित समय में तीन-तीन पर ख़त्म हुआ.
शमशेर ने दिया धोखा
पेनल्टी शूट आउट में हरमनप्रीत और राजकुमार के दोनों प्रयास कामयाब रहे, उधर न्यूज़ीलैण्ड के रसेल और फ़िंडले ने भी स्कोर कर दिया। भारत के लिए अगले दो प्रयास जो अभिषेक और शमशेर ने लगाए वो नाकाम रहे. तीन प्रयासों में स्कोर न्यूज़ीलैण्ड के पक्ष में 3-2 था. चौथा प्रयास दोनों ही टीमों ने गँवा दिया। अब मामला आखरी प्रयास पर था. यहाँ पर सरबजीत ने स्कोर करके उम्मीदों को ज़िंदा रखा, श्रीजेश को न्यूज़ीलैण्ड का यह अंतिम प्रयास हर हाल में रोकना ही था, वो इससे पहले का प्रयास रोक भी चुके थे और एकबार फिर उन्होंने वो कर दिखाया और मैच सडेन डेथ की तरफ चला गया. न्यूज़ीलैण्ड ने यहाँ भी लीड ली और श्रीजेश ने फिर गोल बचाकर भारत को मैच में बरकरार रखा लेकिन इस प्रयास में वो घायल हो गए और आगे टीम के दुसरे विकेट कीपर ने ज़िम्मेदारी निभाई लेकिन वो उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके और भारत को मैच गंवाना पड़ा.