भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के चयनकर्ताओं को इस्तीफा देने की सलाह दी। मीडिया के मुताबिक सुनील गावस्कर ने कहा है कि अगर ऑस्ट्रेलियाई चयनकर्ताओं को जिम्मेदारी का अहसास है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी भारत में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. सवाल तो खिलाड़ियों के बजाय चयनकर्ताओं से पूछे जाने चाहिए।
अनफिट खिलाडियों का भारत ने उठाया फायदा
सुनील गावस्कर ने ऑस्ट्रेलियाई चयनकर्ताओं से सवाल किया कि उन्हें पता था कि मिचेल स्टार्क, कैमरन ग्रीन और जोश हेजलवुड पहले और दूसरे टेस्ट में टीम के लिए उपलब्ध नहीं होंगे फिर भी उन्हें चुना गया। इससे पता चलता है कि भारत दौरे का चयनकर्ता या तो सही आंकलन नहीं कर सके या फिर उन्होंने इस दौरे को हलके में लिया जिसका खामियाज़ा भी उन्हें भुगतना पड़ा. क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के तेज़ गेंदबाज़ों के अनफिट होने का भारत ने पूरा फायदा उठाया।
फिटनेस से लगातार जूझती रही ऑस्ट्रेलिया
गौरतलब हो कि ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज से बिना कोई मैच खेले बाहर हो गए, मिचेल स्टार्क और कैमरून ग्रीन तीसरे टेस्ट में उपलब्ध हो पाए. इसके अलावा भी ऑस्ट्रेलिया इस दौरे पर फिटनेस और खिलाडियों की उपलब्धता पर लगातार संकट में रही. स्पिनर मिचेल स्वेप्सन शुरू में ही दौरे से बाहर हो गए, एश्टन एगर मानसिक रूप से तैयार नहीं थे इसलिए उन्हें वापस भेज दिया गया. डेविड वार्नर भी बीच सीरीज़ में श्रंखला से बाहर हो गए, हालाँकि उसकी वजह उन्हें चोट लगना थी. हेज़लवुड, मिचेल स्टार्क और कैमरून ग्रीन पहले से ही अपनी चोट से उबर रहे थे ऐसे सुनील गावस्कर की ऑस्ट्रेलियन चयनकर्ताओं को लगाईं गयी फटकार बिलकुल जायज़। जब आप ऐसी लूली लंगड़ी टीम सेलेक्ट करोगे तो इसमें खिलाडियों को कैसे दोष दे सकते हो.