वाशिंगटन: अमेरिका में एफडीए ने कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के लिए वायरल रोधी दवा के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी है। यह मंजूरी तब दी गई है जब कुछ शोधकर्ताओं ने पाया कि यह दवा संक्रमित लोगों को तेजी से स्वस्थ होने में मदद करती है।
शोधकर्ताओं में भारतीय-अमेरिकी डॉक्टर अरुणा सुब्रह्मण्यम भी शामिल हैं। एफडीए ने कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए वायरल रोधी दवा रेमडेसिविर के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। शोधकर्ताओं ने पाया कि रेमडेसिविर कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार लाने में कारगर है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा, ‘‘मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि एफडीए ने रेमडेसिविर के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है।’’
स्वास्थ्य एवं मानव सेवा मंत्री एलेक्स अजार ने बताया कि यह कोविड-19 से लड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस मंजूरी से रेमडेसिविर को अमेरिका में वितरित किया जा सकेगा और गंभीर रूप से बीमार किशोरों तथा बच्चों के इलाज में इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।
अमेरिका में शुक्रवार तक कोरोना वायरस से 63,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई और 10 लाख से अधिक लोग संक्रमित पाए गए। ट्रंप ने कहा कि उनका प्रशासन इस पर तेजी से काम करने के लिए एफडीए, राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान और दवा कंपनी जिलीड के साथ मिलकर काम कर रहा है। वहीं, अमेरिका में कई अस्पताल कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में मलेरिया के उपचार में काम आने वाली दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन का इस्तेमाल कर रहे हैं। मीडिया में आई एक रिपोर्ट में यह जानकारी मिली है।