बढ़ी ऑब्सेसिव कंपिल्सव डिसऑर्डर की समस्या, छुटकारे के लिए काउंसलर से जोड़ रहे आस
नेशनल मेंटल हैल्थ क्राइसिस हैल्पलाइन के जरिए लोग मांग रहे मदद
अमित बिश्नोई
मेरठ. कोरोना वायरस संक्रमण के साथ ऑब्सेसिव कंपिल्सव डिसऑर्डर यानी ओसीडी के केसेज में भी खासा इजाफा होने लगा है. वायरस का खौफ लोगों के दिमाग में चढ़ बैठा है. हाथ धोने की आदत अब सनक के रूप में सामने आ रही है. जरा-जरा सी देर में हाथ धोने की लत ने लोगों को आ घेरा है. ये चौंकाने वाला खुलासा नेशनल मेंटल हैल्थ क्राइसिस हैल्पलाइन पर आ रही फोन-कॉल्स से हुआ है. आलम ये है कि लोग आधी रात में भी काउंसलर्स को कॉल कर अपने डर का समाधान पाने की कोशिश कर रहे हैं.
कोरोना काल और लॉकडाउन के दौरान लोगों को मेंटल हैल्थ से जुड़ी समस्याओं का समाधान देने के लिए शासन की ओर से नेशनल मेंटल हैल्थ क्राइसिस हैल्पलाइन जारी की गई थी. हैल्पलाइन इंचार्ज डा. विभा नागर बताती हैं कि इस वक्त देश में ओसीडी के केसेज काफी बढ़़े हुए हैं. कई बार रात के तीन बजे भी लोग अपनी परेशानियों को लेकर कॉल करते हैं. वह बताती हैं कि देखने में आ रहा है कि जिन लोगों को पहले से ही ओसीडी की बीमारी है उनकी स्थिति काफी बिगड़ी है. लोगों में बेवजह हाथ धोने की सनक दिमाग पर हावी हो रही है. जो लोगों को एंजाइटी में धकेल रही है.
ये है ओसीडी
मेंटल हैल्थ के तहत ओसीडी यानी ऑब्सेसिव कंपिल्सव डिसऑर्डर यानी ओसीडी के तहत लोगों में एक प्रकार की एंजाइटी डेवलप होने लगती है. ये डिप्रेशन का बड़ा कारण बन सकती है. इसमें जनरलाइज्ड एंजाइटी, ओसीडी, पोस्ट ट्रॉमै टिक, स्ट्रेस डिस्ऑर्डर, पै निक डिसऑर्डर शामिल हैं. ओसीडी की अवस्था में मरीज एक ही काम को बार-बार करता है. जैसे बार-बार हाथ धोना, बार-बार नहाना, देर तक नहाना, ताला-गेट बंद होने पर भी खुले होने की आशंका और बार चेक करना, साफ होने पर भी गंदगी महसूस करना और बार-बार पोछा लगाना. किसी चीज को छुने के बाद बार-बार साफ करना, किसी दूसरे के द्वारा किसी चीज को छूने से उसे साफ करना.
ऐसे सुलझाएं समस्या
मनोरोग विशेषज्ञ डा. कमलेंद्र किशोर बताते हैं कि इस तरह की समस्या से बचने के लिए हाथ धोने का समय तय करें. अगर बाहर से आएं हैं. किसी के संपर्क में आएं हैं. खाना खाने से पहले और बाद, शौच के बाद, गंदी चीजों को छूने के बाद ही हाथ धोएं. मुंह, नाक व आंख में लगाने से बचें. घर में बैठे-बैठे हाथ न धोएं.
इन मंत्रों का पालन जरूरी
- घर में कुछ देर शांत बैठे
- जमीन में आसन लगाकर बैठें.
- अनुलोम-विलोम करें, प्रणायाम करें
- घरेलू कार्यों में दिल चस्पी बढ़ाएं
- छोटे-छोटे कामों में खुद को व्यस्त रखें
- घर में लोगों से बातचीत करें.
- बच्चों को सुरक्षा का एहसास दिलाएं
- मोबाइल का प्रयोग कम करें,
- हरी सब्जी, मौसमी फल खाएं, पानी भरपूर पिएं
इनका है कहना
कोरोना काल में फोन-टीवी, सोशल मीडिया का प्रयोग काफी बढ़ा है. वायरल मैसेज की वजह से लोगों में घबराहट बढ़ रही है. तनाव हावी हो रहा है. वायरस लोगों के दिमाग में हावी हो चुका है. मन में डर बैठने लगा है कि कहीं हमें कोरोना तो नहीं हो जाएगा. ऐसे में खुद को इससे बचाने के लिए वह बार-बार हाथ धोने की कोशिश करते हैं. इसकी वजह से ही ओसीडी की बीमारी बढ़ रही है. लोगों को सही जानकारी के साथ काउंसिलंग की जरूरत है.डा. विभा नागर, नोडल, नेशनल मेंटल हैल्थ क्राइसिस हैल्पलाइन