दिल्ली टेस्ट में दोनों टीमों ने अपनी पहली पारियां खेल ली हैं, ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी की एक पॉजिटिव नोट के साथ शुरुआत की है. पहली पारी की जहाँ तक बात है तो ऑस्ट्रेलिया को एक रन की बढ़त मिली है. यह एक रन की बढ़त इसलिए ज़्यादा अहम् है क्योंकि एक समय टीम इंडिया बढ़त की ओर बढ़ रही थी मगर आखरी तीन विकेट सिर्फ 9 रनों में गिर गए. हालाँकि भारतीय बल्लेबाज़ी एक समय बहुत ज़्यादा संकट में थी और 139 के स्कोर पर सात विकेट गँवा चुकी थी लेकिन आल राउंडर्स एकबार फिर काम आये और टीम को एक बड़े संकट से निकालकर बराबरी पर खड़ा कर दिया।
टॉप आर्डर फिर हुआ नाकाम
आज जब भारत ने अपनी कल की अधूरी पारी शुरू की तो सबको लग रहा था कि नागपुर की तरह यहाँ भी भारत एक अच्छा स्कोर खड़ा करके ऑस्ट्रेलिया को मुसीबत में डालेगा लेकिन अनुभवी नाथन लॉयन की अगुवाई में टीम के दूसरे दो स्पिनर्स ने जिस तरह की गेंदबाज़ी की उसने कहीं न कहीं भारतीय बल्लेबाज़ी को सवालों के घेरे में खड़ा किया विशेषकर टॉप आर्डर को. 139 पर सात विकेट ढेर होना इस बात की पुष्टि करता है.
के एल राहुल की नाकामी का सिलसिला जारी
उप कप्तान के एल राहुल की नाकामी का सिलसिला जारी है, आज भी सिर्फ 17 रन ही बना सके. अपना सौवां टेस्ट मैच खेल रहे चेतेश्वर पुजारा के लिए आज का दिन बहुत बुरा रहा, वो शून्य पर आउट हो गए और इसमें भी उन्हें एक जीवनदान मिला क्योंकि ऑस्ट्रेलिया ने रिव्यु नहीं लिया वरना वो साफ़ आउट थे. रोहित शर्मा जो नागपुर की तरह दिल्ली में काफी धैर्य और संयम से बल्लेबाज़ी कर रहे थे और सेट हो चुके थे, लॉयन ने उन्हें 32 के निजी स्कोर पर बोल्ड कर दिया। सूर्यकुमार की जगह शामिल किये गए श्रेयस अय्यर एक शानदार कैच पर सिर्फ 4 रन बनाकर आउट हो गए. अब तक गिरे चारों विकेट लॉयन के खाते में गए थे.
लॉयन ने निकाला पंजा
यहाँ से कोहली और जडेजा पारी को मजबूत बना रहे थे कि पिछले मैच के हीरो मर्फी ने उन्हें आउट कर भारत को पांचवां झटका दिया। जडेजा ने 26 रनों की पारी खेली। जडेजा के बाद भरत को आउट कर लॉयन ने अपना पांचवां शिकार बनाया। इसके बाद कोहली भी पहला टेस्ट खेल रहे Kuhnemann की गेंद पर पगबाधा आउट हुए. थर्ड अंपायर ने काफी देर बाद इस पर अपना फैसला सुनाया जिसपर बड़ी चर्चा हो रही है. यहाँ से रवि अश्विन और अक्षर पटेल ने भारत को मुश्किल हालात से निकालना शुरू किया, शुरू में थोड़ा धैर्य और बाद में आक्रमण का सहारा लेकर ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर्स की धार को एकदम कुंद कर दिया। जो स्पिनर्स कुछ देर पहले तक unplayable हो रहे थे उनको मार पड़ने लगी. दोनों के बीच 114 रनों की बहुमूल्य साझेदारी बनी जिसने ऑस्ट्रेलिया के एक बड़ी लीड पाने के सपने को चकनाचूर कर दिया. लॉयन ने पांच विकेट हासिल किये वहीँ मर्फी और Kuhnemann ने दो दो विकेट हासिल किये। कप्तान पैट कमिंस को मिला विकेट सबसे कीमती रहा क्यों उन्होंने ही अश्विन को आउट कर ऐसी साझेदारी को तोडा जो ऑस्ट्रेलिया के लिए बहुत बड़ा सिरदर्द साबित हो रही थी.
महत्वपूर्ण होगा तीसरा दिन
तीसरा दिन बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है. देखना होगा कि भारतीय गेंदबाज़ ऑस्ट्रेलिया को कहाँ पर रोकते हैं, हालाँकि ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी को ज़रा दुसरे ढंग से खेलना शुरू किया है. उसने 12 ओवर की बल्लेबाज़ी में एक विकेट पर 61 रन बना लिए हैं. कनक्शन का शिकार बने डेविड वार्नर की जगह अब मैट रेनशॉ टीम हैं, हालाँकि पारी की शुरुआत ट्रेविस हेड ने ख्वाजा के साथ की. ख्वाजा को जडेजा ने जल्द ही चलता कर दिया लेकिन ट्रेविस हेड काफी आक्रामक दिख रहे है और 40 गेंदों में 39 रन बना चुके है उनका साथ लाबुषाने भी आक्रमक अंदाज़ में ही दे रहे हैं. भारतीय गेंदबाज़ों को बड़ा स्कोर खड़ा करने से ऑस्ट्रेलिया को रोकना होगा क्योंकि पिच का व्यवहार बहुत खराब है.