महापर्व के व्रत में स्त्री – पुरुष – बूढ़े – जवान सभी शामिल
चार दिनों तक चलता है यह लोकपर्व
लखनऊ। भारत संस्कृति से भरा हुआ देश है। छठ पर्व इस बार १८ से २१ नवंबर तक चलेगा। कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी को मनाया जाने वाला छठ पूजा एक हिन्दु पर्व है । छठ पर्व को बेहद प्यार और उल्लास के साथ मनाया जाता है। कार्तिक मास की अमावस्या को दिवाली मनाने के बाद मनाये जाने वाले यह पूजा चार दिन तक चलती है।
इस बार छठ पूजा २० नवंबर दिन शुक्रवार को मनायी जायेगी । लोकपर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, पूर्वी यूपी और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है। लोगों का मत है कि छठ पूजा बिहारीयों का सबसे बड़ा पर्व है । छठ पर्व बिहार मे बड़े धूम धाम से मनाया जाता है। छठ में किसी मूर्ति की पूजा नहीं की जाती है। छठ महापर्व के व्रत को स्त्री – पुरुष – बुढ़े – जवान सभी लोग करते हैं।
इस दौरान व्रतधारी लगातार ३६ घंटे का व्रत रखते हैं। वे पानी भी ग्रहण नहीं करते। छठ पूजा साल में दो बार होती है एक चैत्र मास में और दुसरा कार्तिक मास शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि, पंचमी तिथि, षष्ठी तिथि और सप्तमी तिथि तक मनाया जाता है । पूजा के लिए सभी नदी- तालाबों को साफ सफाई करने के बाद सजाया भी जाता है। यह पर्व चार दिनों का है। भैयादूज के तीसरे दिन से यह आरम्भ होता है।
१-पहले दिन सेन्धा नमक, घी से बना हुआ अरवा चावल और कद्दू की सब्जी प्रसाद के रूप में ली जाती है। नहाय-खाय १८ नवंबर दिन बुधवार को है।
२- दूसरे दिन से उपवास आरम्भ होता है। व्रत दिनभर अन्न-जल त्याग कर शाम करीब ७ बजे से खीर बनाकर, पूजा करने के उपरान्त प्रसाद ग्रहण करते हैं, जिसे खरना कहते हैं।
३- तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य यानी दूध अर्पण करते हैं।
४- अंतिम दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य चढ़ाते हैं।
पूजा में पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है; लहसून, प्याज वर्जित होता है। जिन घरों में यह पूजा होती है, वहाँ भक्तिगीत गाये जाते हैं। अंत में लोगो को पूजा का प्रसाद दिया जाता हैं।