टीम इंडिया के उभरते हुए तेज़ गेंदबाज़ अर्शदीप सिंह कल न्यूज़ीलैण्ड के खिलाफ हुए टी -20 मैच में चर्चा का विषय इसलिए बने क्योंकि उनके अंतिम ओवर में डेरिल मिचेल ने 27 रन कूट दिए था और यह एक ओवर मैच के फैसले में बड़ा अंतर साबित हुआ, लेकिन यहाँ बात किसी एक ओवर की नहीं होने जा रही क्योंकि टी 20 क्रिकेट में किसी के भी ओवर इतने रन बन जाना कोई हैरानी वाली बात नहीं, इससे पहले भी बड़े बड़े गेंदबाज़ों के ओवर में इस तरह रन बन चुके है. यहाँ पर बात हो रही है अर्शदीप की नो बॉल फेंकने की आदत की जो असल में बहुत बड़ी समस्या है और कई बार टीम इंडिया को इसका भुगतान भुगतना पड़ा है. अर्शदीप की नो बॉल फेंकने की आदत से टीम के कप्तानों को भी खीजते हुए देखा जा सकता है.
टी 20 में अक्षम्य अपराध है नो बॉल
दरअसल सफ़ेद बॉल क्रिकेट विशेषकर टी 20 क्रिकेट में नो बॉल फेंकना एक अक्षम्य अपराध समझा जाता है क्योंकि इस पर मिली फ्री हिट पर पड़ा छक्का एक जीता हुआ मैच हरा देता है. अर्शदीप की नो बॉल समस्या पिछले टी 20 विश्व कप से चल रही है, उन्होंने अबतक के छोटे से कैरियर में बहुत सी नो कर डाली हैं और उसका खामियाज़ा टीम को भुगतना पड़ा है. क्रिकेट विशषज्ञों ने भी अर्शदीप की इस समस्या पर कई बार उन्हें सलाह भी दी है. अब पूर्व क्रिकेटर संजय बांगर ने उन्हें इस समस्या से छुटकारा पाने का समाधान बताया है.
बांगर ने पकड़ी समस्या
दरअसल पूर्व क्रिकेट मोहम्मद कैफ ने अर्शदीप की नो बाल के लिए उनके लम्बे रन अप को समस्या बताया था जिसका समर्थन करते हुए संजय बांगर ने कहा कि हर तेज़ गेंदबाज़ को अपना रन अप तय करने से पहले यह देखना चाहिए कि वो कितनी दूरी के बाद गेंद को अपनी मैक्सिमम पावर के हिसाब से फेंक सकता है, क्योंकि कई बार आपका लम्बा रन अप आपसे वो पावर छीन लेता है और जब आप गेंद डिलीवर करते हो तो उसमें वो पावर नहीं होती, आपकी तेज़ी भी कम हो जाती है.
बताया समस्या से निजात का हल
वहीँ नोबाल पर लगाम लगाने के लिए रन अप कैसे तय किया जाना चाहिए इसके बारे में भी संजय बांगर ने एक विशेषज्ञ राय दी. संजय बांगर के मुताबिक किसी भी नए गेंदबाज़ को रन अप तय करने के लिए आँख पर पट्टी बांधकर सीधे दौड़ लगानी चाहिए और जिस जगह पर उसे लगे कि इस स्टेप पर वह अपनी फुल पावर के साथ आराम से गेंद फेंक सकता है उसे गेंद फेंकनी चाहिए। इस दौरान वो किसी अन्य से अपने स्टेप काउंट और दूरी की निशानदेही कर उसे नाप लेना चाहिए और उसी दूरी से अपना रन अप फिक्स कर लेना चाहिए। संजय बांगर ने यह भी कहा कि एक तेज़ गेंदबाज़ को हर 6 महीने के बाद इसके लिए रिव्यु करते रहना चाहिए क्योंकि शारीरिक क्षमताएं बदलती रहती है.