तेहरान। ईरान में हिजाब के खिलाफ सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रही आंदोलनकारी महिलाओं को अमेरिका ने समर्थन दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बयान जारी कर कहा कि अमेरिका ईरान में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा के दोषियों पर जुर्माना लगाएगा। ईरानियों के स्वतंत्र रूप से विरोध करने के अधिकारों को अमेरिकी समर्थन पूरी तरह से जारी रहेगा। हिंसा के लिए ईरानी अधिकारियों की जवाबदेही ठहराई जाएगी।
राष्ट्रपति बाइडन का यह बयान उस समय आया है। जब ईरान के धार्मिक नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने हिजाब विरोधी आंदोलन के पीछे अमेरिका और इस्राइल का हाथ होने का आरोप लगाया। बता दें, ईरान में सख्त इस्लामी ड्रेस कोड यानी हिजाब व बुर्के से संबंधित कानूनों का सख्ती से पालन कराते हैं। इसके लिए बाकायदा मॉरल या धार्मिक पुलिस का अलग विभाग है। जो महिलाओं की हिजाब को लेकर चेकिंग करती है। इस चेकिंग के दौरान बीते दिनों महशा अमीनी नाम की युवती को कार से उतारकर गिरफ्तार किया था। जिसकी बाद में पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी।
अमीनी की मौत के बाद ईरान में महिलाओं में आक्रोश फैल गया। अमीनी की हत्या के विरोध में सैकड़ों महिलाएं सड़कों पर उतर आईं और हिजाब के खिलाफ आंदोलन शुरू ककर दिया। पिछले कई दिनों से आंदोलन चल रहा है। पुलिस व प्रदर्शनकारियों की बीच हिंसक टकराव की खबरें भी आ रही हैं। हिंसा में अनेक महिलाओं के मारे जाने की खबर है। इसी बीच धार्मिक पुलिस के एक उच्च अधिकारी की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई। आंदोलनकारी महिलाओं ने सरेआम बाल काटकर ईरान सरकार के खिलाफ अपना आक्रोश जताया है।
ईरान में हिजाब के खिलाफ उग्र आंदोलन अब तीसरे सप्ताह में प्रवेश कर गया। ईरान सरकार आंदोलनकारियों को शांत करने की कोशिश में है। हालांकि, आंदोलन पर काबू के लिए इंटरनेट सेवा को बंद किया है। इस बीच बाइडन ने कहा है कि अमेरिका ईरानी लोगों को इंटरनेट सुविधा मुहैया कराने के प्रयास कर रहा है। सिविल सोसायटी के आंदोलन को कुचलने वाली मॉरल पुलिस व अन्य अधिकारियों को हिंसा का दोषी बता रहा है।