depo 25 bonus 25 to 5x Daftar SBOBET

Anurag Kashyap क्यों बोले, मोदी जी बात हाथ से निकल चुकी है

एंटरटेनमेंटAnurag Kashyap क्यों बोले, मोदी जी बात हाथ से निकल चुकी है

Date:

फिल्मों के बहिष्कार और अन्य तरह से विवादित बाते करने वालों और फिल्मों को लेकर छोटी छोटी बातों को साम्प्रदायिक रंग देने वाले पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को दी गयी प्रधानमंत्री मोदी की नसीहत के बाद अब मशहूर और विवादित फिल्म निर्देशक और प्रधानमंत्री के घोर आलोचक अनुराग कश्यप ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि प्रधानमंत्री ने यह बात कहने में चार साल की देर कर दी, अगर वो चार साल पहले यह बात कह देते तो फर्क पड़ सकता था लेकिन अब भीड़ कंट्रोल से बाहर हो चुकी है और चीज़े उनके हाथ से निकल चुकी हैं.

प्रधानमंत्री ने क्या दी थी नसीहत

बता दें कि दिल्ली में पार्टी की दो दिन के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के समापन भाषण में प्रधान मंत्री ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को नसीहत देते हुए कहा था कि फिल्मों को लेकर गैर ज़रूरी बयानबाज़ी न करें। उन्होंने कहा कि पार्टी के सीनियर नेता देश के विकास कार्यों में लगे हुए हैं और कुछ लोग फिल्मों पर बयानबाज़ी करते फिर रहे हैं. माना जा रहा कि प्रधानमंत्री का यह बयान शाहरुख़-दीपिका की फिल्म पठान को लेकर था जिसपर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने काफी विवाद खड़ा कर दिया था. सरकार को भी इस मामले में काफी असहजता हुई थी क्योंकि यह सिर्फ फिल्म के बहिष्कार तक नहीं फिल्म के कलाकारों के वध तक भी बात पहुँचने का मामला हो गया था. फिल्म पठान के विवाद में सेंसर बोर्ड को भी उतरना पड़ा था और फिल्म से बेशरम रंग के गाने के कपड़ों में कुछ परिवर्तन करने पड़े थे.

छोटे बजट की फिल्मों का बहिष्कार क्यों नहीं होता

अनुराग कश्यप जो अक्सर प्रधानमंत्री को लेकर मुखर रहते हैं ने आगे कहा कि पूर्वाग्रहग्रस्त चीजों को जब आप अपनी चुप्पी से बढ़ावा देते हैं, तो वह अपने आप में ही बहुत पावरफुल बन जाती हैं. अब बात हाथ से बाहर निकल चुकी है. फिल्मों के बॉयकॉट के ट्रेंड पर अनुराग कश्यप ने एकबार कहा था कि यह लोग उनकी फिल्म का बहिष्कार क्यों नहीं करते। बता दें कि अनुराग कश्यप की अधिकाँश फिल्में कम बजट वाली होती हैं और उन फिल्मों पर बहिष्कार का कोई आर्थिक रूप से फर्क नहीं पड़ता। फिल्मों के बहिष्कार की कॉल ज़्यादातर उन फिल्मों के लिए दी जाती है जो बहुत बड़े बजट वाली होती हैं और जिनमें नामी सितारे होते हैं. फिल्मों के बॉयकॉट के धंधे में जुड़े लोग भी नफा नुक्सान देखकर ही बहिष्कार की बात करते हैं.

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

रंग में लौटे रसेल, क्लासेन की मेहनत पर फिरा पानी

कल रात कोलकाता के ईडेन गार्डन पर दो तूफ़ान...

तेज़ी में खुला शेयर बाज़ार

दो दिन की गिरावट के बाद शेयर बाजार ने...

453 दिनों बाद पंत की वापसी, मैदान में करतल ध्वनि से हुआ स्वागत

लगभग डेढ़ साल पहले भयानक सड़क हादसे में दूसरी...

सरकारी बैंकों से सरकार को होने वाली है 15,000 करोड़ रुपये की कमाई

देश 12 सरकारी बैंकों से केंद्र सरकार को मोटी...