मेरठ। लोगों की आर्थिक स्थिति में हुए बदलाव की परख के लिए आर्थिक गणना का कार्य जनपद में फिर शुरू किया गया है। हालांकि ये गणना 2019 में पूरी की जानी थी। लेकिन कोरोना के चलते गणना का कार्य बाधित हो गया था। अब मेरठ समेत प्रदेश के सात जनपदों में फिर से गणना का कार्य शुरू किया गया है। गणना के दौरान ये पता लगाया जाएगा कि आमजन की आर्थिक स्थिति में कई तरह के बदलाव आए हैं।
बता दे कि देश में पहली बार आर्थिक गणना वर्ष 1977 में शुरू की गई थी। सातवीं बार आर्थिक गणना का कार्य 2019 में पूरा किया जाना था। लेकिन कोरोना महामारी बढ़ने पर गणना कार्य जिले में बीच में ही रोक दिया गया था। अब अर्थ एवं संख्या विभाग ने फिर से मेरठ के अलावा मैनपुरी, कानपुर नगर, इटावा, आजमगढ़, संत कबीरनगर और गाजीपुर जिलों में गणना कराने के निर्देश दिए है। जिले में नगर निगम के साथ विकास खंड मेरठ, नगर पालिका मवाना व सरधना और नगर पंचायत लावड़ में गणना शुरू की है।
आर्थिक गणना के तहत गैर-फार्म कृषि एवं गैर-कृषि क्षेत्र में वस्तुओं के साथ सेवाओं के उत्पादन, वितरण में जुड़े घरेलू उद्यमों सहित सभी प्रतिष्ठानों को शामिल किया किया है। आर्थिक गणना के दौरान कई तरह के बदलाव सामने आ रहे हैं। कोरोना के बाद जहां कई लोगों ने कारोबार बदला, वहीं खेती-किसानी, पशुपालन के साथ रहन-सहन में लोगों ने बदलाव किया है।
जिले में पंकज कुमार, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी ने बताया कि कोरोना के कारण आर्थिक गणना कार्य बाधित हो गया था। अर्थ एवं संख्या विभाग के निर्देश पर फिर से गणना का कार्य शुरू कराया है। शीघ्र गणना पूरी कर रिपोर्ट शासन को भेज दी जाएगी।