देहरादून। उत्तराखंड के उत्तरकाशी और उसके आसपास के क्षेत्रों में गुरुवार को तड़के भूकंप आया। भूकंप की तीव्रता 3 बताई जा रही है। जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय ने यह जानकारी दी।
कार्यालय ने बताया कि सुबह पांच बजकर 40 मिनट पर भूकंप आया जिसका केंद्र उत्तरकाशी में पांच किलोमीटर की गहराई पर था। उसने बताया कि जिले में कहीं से जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। भूकंप के कारण दहशत में आए लोग घरों के बाहर निकल आए। लोगों ने एक दूसरे से फोन कर हाल जाना।
उत्तराखंड खतरनाक भूकंप जोन में
बता दें उत्तराखंड देश के सबसे खतरनाकर भूकंप जोन में आता है। बता दें पृथ्वी की सबसे बाहरी परत सात बड़े टुकड़ों से बनी है। इन्हें टेक्टोनिक प्लेट्स कहते हैं। इनकी सीमाएं फाल्ट लाइन कहलाती हैं। पृथ्वी की सतह में एक लंबी दरार है। भूकंप आमतौर पर फॉल्ट लाइन के बीच किसी भी तरह की हलचल से आता है। जब प्लेट टकराती हैं तो घर्षण की वजह से ऊर्जा बाहर निकलने की कोशिश करती है। इससे जो हलचल होती है, उससे भूकंप आता है। देहरादून के बीच से यह फाल्ट लाइन गुजरती है।
भूकंप से बचाती हैं ये विधियां
बेस आइसोलेशन : इसमें इमारत के नीचे रबर, स्टील और लेड के आइसोलेटर्स लगाए जाते हैं। यह विधि भूकंपीय तरंगों को अवशोषित करने में प्रभावी है। यह तरंगों को इमारत में आगे बढ़ने से रोकता है।
शीयर वॉल : शीयर वॉल इमारतों को बनाने की प्रभावी तकनीक है। इससे भूकंप के झटके को रोकने में मदद मिलती है। यह कई पैनलों से बनी होती है। भूकंप के दौरान इमारत को टिके रहने में मदद करती है।
मोमेंट रेसिस्टेंट फ्रेम्स : मोमेंट रेसिस्टेंट फ्रेम्स बिल्डिंग के डिजाइन में प्लास्टिसिटी प्रदान करता है। इसे इमारत के जोड़ों के बीच रखा जाता है। इसके अलावा यह बीम और स्तंभों को मोड़ने में सक्षम बनाता है।