उत्तरकाशी- देवभूमि उत्तराखंड में धार्मिक स्थलों पर भक्तों का ताता लगा रहता है आज हम आपको कैसी आश्रम के बारे में बताते हैं जो ना केवल अपनी धार्मिक मान्यताओं के लिए जाना जाता है अपितु पर्यटन की दृष्टि से भी खासा महत्व रखता है हम बात कर रहे हैं उत्तरकाशी के कपिल मुनि आश्रम की यह आश्रम न केवल विष्णु के 5 अवतार माने जाने वाले कपिल मुनि को समर्पित है माना जाता है कि कपिल मुनि ने यहीं पर भगवान शिव की आराधना की थी जिसके चलते इलाके को कपिलेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है शिवरात्रि के दिन आश्रम में भव्य मेले का और रात्रि जागरण किया जाता है
धार्मिक मान्यताएं
उत्तरकाशी जिले के गुंदीयाट गांव में स्थित है कपिल मुनि का आश्रम, जो ना केवल अपनी धार्मिक मान्यताओं के लिए प्रचलित है बल्कि अपना अलग ऐतिहासिक महत्व भी रखता है मान्यता है. धार्मिक मान्यता है कि सांख्य दर्शन के प्रवर्तक कपिल मुनि ने भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए यहां तप किया था. कहा जाता है कि उनके तप से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए और आशीर्वाद दिया. माना जाता है कि जिस स्थान पर भगवान भोलेनाथ प्रकट हुए थे वहां आज एक शिवलिंग स्थापित है. जिसके चलते इस स्थान को कपिलेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि जो भक्त सच्चे मन से यहां भगवान शिव की पूजा और आराधना करता है भोलेनाथ उसकी हर मनोकामना पूरी करते है. महाशिवरात्रि के दिन कपिल मुनि आश्रम में बड़े मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में भक्त यहां पहुंचते हैं.
कौरवों की होती है पूजा!
उत्तरकाशी में आपको कई स्थान ऐसे मिलेंगे जहां कौरवों की पूजा की जाती है इन सबके बीच ऋषि कपिल मुनि का आश्रम लोगों के लिए आस्था का केंद्र है इस आश्रम से करीब 5 किलोमीटर दूर रामा गांव में आप राम मंदिर के भी दर्शन कर सकते हैं समुद्र तल से करीब साडे 4500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कुंडली गुंदीयाट गांव अपने आप में विशेष महत्व रखता है. यहां आकर धार्मिक लाभ उठाने के साथ-साथ प्राचीन काल के गांव और उस समय के बने घरों को देखकर अचंभित महसूस करेंगे.