बागेश्वर- उत्तराखंड के पौराणिक और धार्मिक स्थलों में से एक बैजनाथ मंदिर करीब 1000 साल पुराना बताया जाता है. कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण एक ही रात में किया गया था. उत्तराखंड के बागेश्वर जिले की गरुड़ तहसील में स्थित बैजनाथ मंदिर हमेशा से पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है. विश्व विख्यात पर्यटक स्थल कौसानी से महज 17 किलोमीटर दूर स्थित बैजनाथ मंदिर गोमती नदी के किनारे स्थित है. यहां पर आपको 12 वीं शताब्दी की शिव, गणेश, पार्वती, कुबेर,चंडीका, सूर्य मंदिर बने हुए दिखाई देंगे. जिसमें भगवान शिव का मंदिर मुख्य है.
ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व
18 छोटे बड़े मंदिरों का यह समूह न केवल अपनी धार्मिक महत्ता के लिए जाना जाता है अपितु नागर शैली में निर्मित मंदिर मैं द्रविड़ वास्तुकला यहां आने वाले पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देती है. बैजनाथ मंदिर परिसर में केदारेश्वर,लक्ष्मीनारायण, ब्राह्मणी देवी आदि छोटे-बड़े मंदिर देखने को मिलेंगे या यूं कहा जाए कि बैजनाथ मंदिर वास्तव में सूर्य, ब्रह्मा,शिव, गणेश, पार्वती, चंद्रिका, कुबेर की मूर्तियों के मंदिरों का एक परिसर है गलत नहीं होगा. इतिहासकारों की मानें तो बैजनाथ मंदिर कत्यूरी राजा के द्वारा करीब 1150 में बनवाया गया था. मंदिर को देखते ही जान पड़ता है कि मंदिर का निर्माण बड़ी-बड़ी पत्थर की सिलाओ से किया गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव और माता पार्वती ने गोमती व गरुड़ गंगा नदी के संगम पर विवाह रचाया था. भगवान शिव के अलावा परिसर में माता पार्वती का बड़ा मंदिर है जिसमें माता की काले पत्थर से बनी खूबसूरत मूर्ति है.
कैसे पहुंचे?
बैजनाथ मंदिर तक पहुंचने के लिए आप हवाई जहाज ट्रेन बस या टैक्सी से आ सकते हैं. बैजनाथ मंदिर के निकटतम हवाई अड्डा में पंतनगर हवाई अड्डा सबसे नजदीकी है. जो यहां से करीब 185 किलोमीटर है. इसके अलावा आप बस और टैक्सी से नैनीताल, हल्द्वानी और दूसरे क्षेत्रों से भी यहां आसानी से पहुंच सकते हैं. बैजनाथ के मंदिरों के ऐतिहासिक धरोहर होने की वजह से इसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा उत्तराखंड में मौजूद राष्ट्रीय महत्व के स्मारक का दर्जा दिया गया है.