Anasuya Mata Mandir – जहां पर भगवान शिव,ब्रह्मा और विष्णु बन गए थे बच्चे

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चमोली – उत्तराखंड के चमोली जिले में अनुसूया मंदिर (Anasuya Mata Mandir) न केवल अपनी धार्मिक मान्यताओं के लिए जाना जाता है. अपितु यहां का प्राकृतिक सौंदर्य और मनोरम दृश्य आने वाले भक्तों को बार-बार आने के लिए मजबूर करता है. चमोली जिले के गोपेश्वर से करीब 13 किलोमीटर दूर मंडल गांव के पास स्थित है अनुसूया देवी का मंदिर.

धार्मिक मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि माता अनुसूया ने भगवान शिव विष्णु और ब्रह्मा को बाल रूप में परिवर्तित कर अपने पास रखा था.मान्यता यह भी है कि यहां निसंतान दंपती इस मंदिर में पूरी रात खड़े होकर जप और यज्ञ करते हैं. तो उन्हें संतान प्राप्त होती है. अनुसूया मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको देवदार, बुरांश और बांस के जंगलों से होकर जाना पड़ता है. जो आपकी इस धार्मिक यात्रा को रोमांच से भर देता है. यूं तो यह मंदिर साल भर भक्तों के लिए खुला रहता है. दिसंबर माह में लगने वाले बड़े मेले में देश के कोने कोने से लोग यहां पहुंचते हैं.

त्रिदेव को शिशु रूप में बदलकर पिलाया दूध

अनुसूया मंदिर (Anasuya Mata Mandir) की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि प्राचीन काल में यहां ऋषि अत्री का आश्रम था. ऋषि अत्री की पत्नी अनुसूया देवी अपने पतिव्रता धर्म के लिए जानी जाती थी. जिसके कारण मां पार्वती, लक्ष्मी और सरस्वती माता अनुसूया से ईर्ष्या करने लगी. यही नहीं उन्होंने अपने पतियों को माता अनुसुइया की परीक्षा लेने के लिए भेजा.

कहा जाता है कि जब भगवान शिव, विष्णु और ब्रह्मा साधु भेष में माता अनुसूया के आश्रम पहुंचे और भिक्षा मांगी. तो उस समय माता अनुसूया स्नान कर रही थी. त्रिदेव ने माता अनुसूया से उसी अवस्था में बाहर आकर भिक्षा देने को कहा. फिर क्या था माता अनुसूया ने अपने पतिव्रता तप से त्रिदेव को शिशु रूप में बदल दिया. उन्हें दूध पिलाया. त्रिदेव के कई दिन बीत जाने के बाद भी जब देव लोक नहीं पहुंचे. तो माताओं को चिंता सताने लगी और उन्होंने माता अनुसूया से क्षमा मांगी. जिसके बाद अनुसूया ने तीनों देवों को शिशु रूप से मुक्त कर दिया. कहा जाता है कि उसके कुछ दिन बाद ही माता अनुसूया के घर त्रिमुखी संतान ने जन्म लिया. जिसे आज हम भगवान दत्तात्रेय के नाम से जानते हैं. यही वजह है कि निसंतान दंपत्ति यहां पहुंच कर संतान प्राप्ति की मनोकामना मांगते हैं.

रोमांचकार से भरपूर आपकी धार्मिक यात्रा

समुद्र तल से करीब 2000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित माता अनुसूया मंदिर(Anasuya Mata Mandir) पहुंचने के लिए आपको गोपेश्वर से मंडल गांव पहुंचना होगा. जहां से करीब 5 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई के बाद आप अनुसूया मंदिर पहुंच सकते हैं. 5 किलोमीटर के ट्रैक पर आपको देवदार, बुरास और बांस के घने जंगल से गुजरना होगा. इस सफर में आपको जंगल के रंग बिरंगे फूल और कई तरह के पशु पक्षी भी दिखाई देंगे. यहां के मनोहारी दृश्य आपके सफर को न केवल रोमांचित करेगा बल्कि आपके सफर की थकान को महसूस भी नहीं होने देगा.

अत्रि गुफा के दर्शन

अनुसूया मंदिर से करीब 2 किलोमीटर दूर अत्रि मुनि का आश्रम स्थित है. जो कि एक गुफा में है. इसे अत्रि मुनि की गुफा भी कहा जाता है. इस गुफा में अत्रि मुनि की मूर्ति स्थापित है. यहां आने वाले भक्तों गुफा के अंदर मौजूद सकारात्मक ऊर्जा को प्राप्त करते हैं. साथ ही गुफा के अंदर का वातावरण आपके मन को सुकून देगा.

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