मेरठ। कल दो नवंबर 2022 को आँवला (अक्षय) नवमी है। सनातन पद्धति में पुत्र रत्न की प्राप्ति के लिए महिलाओं द्वारा आँवला नवमी की पूजा को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। कहा जाता है कि आँवला पूजा व्यक्ति के समस्त पापों को दूर करके पुण्य देने वाला होता है। जिसके चलते कार्तिक की शुक्ल पक्ष की नवमी को महिलाएं आँवले के पेड़ की विधि-विधान से पूजा कर अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए प्रार्थना करती हैं।
आँवला नवमी को अक्षय नवमी के रूप में जानते है। इस दिन द्वापर युग का प्रारंभ हुआ था। कहते है कि आंवला भगवान विष्णु का पसंदीदा फल है। आंवले के वृक्ष में समस्त देवी-देवताओं का निवास माना जाता है। इसलिए इसकी पूजा करने का विशेष महत्व होता है।
नवमी के दिन महिलाएं सुबह से स्नान ध्यान कर आँवला के वृक्ष के नीचे पूर्व दिशा में मुंह करके बैठती हैं। इसके बाद वृक्ष की जड़ों को दूध से सींच कर उसके तने पर कच्चे सूत का धागा लपेटा जाता है। रोली, चावल, धूप दीप से वृक्ष की पूजा की जाती है। महिलाएं आँवले के वृक्ष की 108 परिक्रमाएं करके भोजन करती हैं।
Aanvla Navami: दो नवंबर को आँवला नवमी पुत्र रत्न प्राप्ति के लिए महिलाएं करें ये काम
Date: