उत्तराखंड सरकार ने 5 फरवरी को विधानसभा का सत्र बुलाया है। कहा जा रहा है कि ये सत्र विशेष रूप से समान नागरिक संहिता यानि UCC पर चर्चा करने और फिर उसे लागू करने के लिए बुलाया गया है। शुक्रवार को राज्य सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ने 5 फरवरी से दोबारा सदन बुलाया है ये अलग बात है कि नोटिफिकेशन में इस एकदिवसीय विशेष सत्र के दौरान उठाए जाने वाले मुद्दों का उल्लेख नहीं किया गया था।
बता दें कि गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संदेश में कहा था कि राज्य में समान नागरिक संहिता कानून लागू करने के लिए जल्द ही विधानसभा सत्र बुलाया जाएगा। धामी ने बताया कि UCC के लिए बनी समिति ने मसौदा तैयार कर लिया है और समिति का ड्राफ्ट मिलते ही विधानसभा का सत्र बुलाकर पूरे उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता कानून लागू किया जाएगा। बता दें कि समान नागरिक संहिता कानूनों के एक सामान्य समूह को संदर्भित करता है जो कि विवाह, तलाक, विरासत और रखरखाव जैसे मुद्दों को नियंत्रित करेगा। फरवरी 2022 में राज्य विधानसभा चुनावों से पहले, धामी ने घोषणा की थी कि सत्ता में आने पर यूसीसी को लागू करना सरकार का पहला निर्णय होगा।
उत्तराखंड में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद यूसीसी पर एक मसौदा रिपोर्ट तैयार करने के लिए न्यायमूर्ति (रिटायर्ड ) रंजना देसाई की अध्यक्षता में मसौदा समिति का गठन किया गया था। 24 मार्च 2022 को धामी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने का प्रस्ताव पारित किया। कैबिनेट की बैठक के बाद धामी ने कहा था कि संविधान का अनुच्छेद 44 राज्य सरकारों को समान नागरिक संहिता लागू करने का अधिकार देता है। इसलिए राज्य में समान नागरिक संहिता सुनिश्चित करने का प्रयास किया जायेगा।