अमित बिश्नोई
भारत और पाकिस्तान के बीच इन दिनों क्रिकेट के मैदान में अखाड़ा चल रहा है, पाकिस्तान किसी भी हालत में भारत को ICC चैंपियंस ट्रॉफी जो पाकिस्तान में आयोजित हो रही है, खेलने के लिए बुलाना चाहता है वहीँ भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने साफ़ तौर से ICC को जानकारी दे दी है कि भारतीय टीम किसी भी हालत में पाकिस्तान मैच खेलने नहीं जाएगी, अभी ये नहीं पता कि ये मौखिक तौर पर इंकार है या फिर लिखित रूप में इंकार है. इस घटना क्रम में पाकिस्तानी मीडिया की तरफ से जो जानकारी निकलकर आयी है उसके मुताबिक इस बात के पूरे संकेत मिल रहे हैं कि ICC चैंपियंस ट्रॉफी पाकिस्तान के हाथों से निकल रही है और पीसीबी और पाकिस्तान सरकार को इस बात का आभास हो चूका है कि एक टाइम पाकिस्तान के बिना तो चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन हो सकता लेकिन भारत के बिना किसी ICC टूर्नामेंट का आयोजन असंभव सी बात है क्योंकि BCCI से पन्गा लेने की हिम्मत ICC में नहीं है.
फ़िलहाल जो जानकारी सामने आयी है उसके मुताबिक पाकिस्तान एक नयी रणनीति की तैयारी कर रहा है, वो ये मानकर चल रहा है कि भारत के बिना ICC चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन पाकिस्तान के लिए बहुत बड़े माली नुक्सान की बात होगी। हालाँकि ICC हाइब्रिड मॉडल में चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन पर पीसीबी को आर्थिक नुकसान की भरपाई की बात कर रही है लेकिन पीसीबी के लिए ये आर्थिक नुक्सान से ज़्यादा सम्मान की बात है. पिछले एशिया कप में वो इस मुद्दे पर मुंह की खा चूका है और तिलमिलाया बैठा हुआ है. एशिया कप हाइब्रिड मॉडल में खेला गया था और भारत के सारे मैच श्री लंका में खेले गए थे. एशिया कप के बाद पाकिस्तान भारत में आयोजित ODI विश्व कप में खेलने के लिए आने पर नखरे दिखा रहा था लेकिन ICC के सख्त रुख को देखते हुए पाकिस्तान टीम इस शर्त के साथ भारत आयी कि 2025 में आयोजित चैंपियंस ट्रॉफी खेलने भारतीय टीम पाकिस्तान आएगी। ICC ने भी उस समय इस बात को टाल दिया था और ODI विश्व कप का भारत में सफलता पूर्वक आयोजन हुआ था.
तबसे पाकिस्तान ये आस लगाए हुए बैठा था कि ICC टूर्नामेंट खेलने से भारतीय टीम इंकार नहीं कर सकती, इसलिए वो पाकिस्तान ज़रूर आएगी लेकिन उसकी सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया. फिलहाल गेंद ICC के पाले में है, वो भी बहुत दुविधा में है, क्योंकि पाकिस्तान को मेज़बानी के अधिकार उसी ने दिए थे अब ऐसे में उसकी ज़िम्मेदारी बनती है कि सभी सदस्य टीमें जो चैंपियंस ट्रॉफी के लिए क्वालीफाई हैं वो टूर्नामेंट में पार्टिसिपेट करें, ऐसा न करने पर कार्रवाई का प्राविधान है. ऐसे में सवाल ये है कि अगर भारतीय टीम पाकिस्तान खेलने नहीं जाती है, जैसा कि BCCI कह चूका है तो क्या ICC में इतनी हिम्मत और शक्ति है कि वो BCCI पर कोई एक्शन ले सके. यही ICC की दुविधा है कि वो क्या करे, एक दोराहे पर वो खड़ी है. यही वजह है कि 11 नवंबर को लाहौर में टूर्नामेंट घोषित होने वाला शेड्यूल कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया. ICC भारत और पाकिस्तान के अलावा भाग लेने वाली दूसरी टीमों से भी बात कर रहा है ताकि कोई सहमति बन सके.
इधर भारतीय बोर्ड के इंकार के बाद पीसीबी ने ICC को एक सवालनामा भेजा है और उन तमाम सवालों के जवाब मांगे हैं जो टीम इंडिया के पाकिस्तान जाने से इंकार से जुड़े हैं. पीसीबी ने पत्र के जरिए आईसीसी से पूछा है कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने उन्हें कब बताया कि भारतीय टीम पाकिस्तान में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी में हिस्सा नहीं ले पाएगी. बीसीसीआई ने आईसीसी को अपने इनकार के बारे में लिखित में सूचित किया है। अगर भारत ने पाकिस्तान आने के लिए लिखित माफी मांगी है तो इसके क्या कारण हैं? पीसीबी ने आईसीसी से भारतीय क्रिकेट बोर्ड के पाकिस्तान दौरे पर लिखित माफी की कॉपी भी मांगी है ताकि उन कारणों की जांच की जा सके जिनके आधार पर यह फैसला लिया गया है. पीसीबी ने आईसीसी से भारतीय क्रिकेट बोर्ड द्वारा टीम भेजने से इनकार करने पर ICC से उसकी प्रतिक्रिया भी मांगी है. अब पीसीबी को ICC से इन सवालों के जवाब मिलने का इंतज़ार है जिसके बाद पाकिस्तान की सरकार के दिशानिर्देश के मुताबिक ही चैंपियंस ट्रॉफी के भविष्य का फैसला होगा. यहाँ पर जो सबसे बड़ी बात निकल कर सामने आ रही है वो ये है कि अगर भारत सच में अपनी क्रिकेट टीम पाकिस्तान नहीं भेजता है और आईसीसी भारत के इनकार को मान लेती है तो पाकिस्तान किसी भी हालत में चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम के साथ कोई मैच नहीं खेलेगा. यानि चैंपियंस ट्रॉफी के शेड्यूल को भी रीशेड्यूल किया जा सकता है क्योंकि दोनों ही चिर प्रतिद्वंदी एक ही ग्रुप में हैं. या फिर ऐसा भी हो सकता है कि भारत के खिलाफ मैच से पाकिस्तान हट जाय, ऐसी सूरत में ICC को गहरा आर्थिक नुक्सान होगा क्योंकि इन दोनों देशों के मैचों के ऊपर ही कमाई का पूरा दारोमदार होता है. पाकिस्तान ऐसा करके टूर्नामेंट के मज़े को किरकिरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। और फिर ये सिलसिला यहीं पर ही नहीं थमेगा, ये ICC के अन्य टूर्नामेंट तक भी जायेगा क्योंकि ये लगाकर दूसरा मौका होगा जब भारत की वजह से पाकिस्तान को हाइब्रिड मॉडल पर टूर्नामेंट कराना पड़ा या फिर उससे पूरी तरह टूर्नामेंट ही छिन जाएगा, जैसा कि मौजूदा परिस्थितियों में नज़र आ रहा है. भारत के पाकिस्तान जाने से इंकार के बाद टूर्नामेंट के आयोजन पर घने बादल छा गए है देखने वाली बात ये होगी कि जब ये बादल छटेंगे तो कौन सी छटा नज़र आएगी.