स्टीवन स्मिथ “100%” निश्चित हैं कि उन्होंने सिडनी टेस्ट के पहले दिन स्लिप में विराट कोहली का क्लीन कैच पकड़ा था, उनके मुताबिक जब उन्होंने कैच पकड़ने का प्रयास किया तो उनका हाथ गेंद के नीचे था, यह निर्णय बाद में टीवी अंपायर को भेजा गया जिसने अंततः नॉट आउट करार दिया गया। स्मिथ ने लंच ब्रेक के दौरान फॉक्स स्पोर्ट्स से कहा 100 प्रतिशत ये कैच था, लेकिन अंपायर ने एक निर्णय लिया इसलिए हम आगे बढ़ेंगे।
बता दें कि यह घटना सिडनी में भारत की पहली पारी के आठवें ओवर में हुई, कोहली ने पहली गेंद का सामना किया, स्कॉट बोलैंड की गेंद उनके बल्ले से लगकर दूसरी स्लिप में गयी, जहां स्मिथ ने अपने दाएं ओर गोता लगाया और गेंद को जमीन के करीब से पकड़कर उसे हवा में उछाला, जहां मार्नस लैबुशेन ने कैच पूरा किया। ऑन-फील्ड अंपायर ने कैच को टीवी अंपायर जोएल विल्सन को भेजा जिन्होंने अंततः यह निर्णय लिया कि स्मिथ द्वारा लैबुशेन की ओर हवा में उछाले जाने से ठीक पहले गेंद जमीन को छू गई थी।
मैदान में हुई इस घटना पर चैनल 7 पर बोलते हुए पूर्व ICC अंपायर साइमन टॉफेल ने कहा कि वे निश्चित रूप से समझ सकते हैं कि तीसरे अंपायर ने वहां क्या किया। टॉफेल ने कहा यहां दो चीजें थीं जो टीवी अंपायर देख रहे हैं। एक गेंद के नीचे उंगलियां हैं और वो वहां संतुष्ट थे। लेकिन फिर उन्हें उन तस्वीरों के माध्यम से विश्वास हो गया कि उन्होंने गेंद को जमीन पर स्पष्ट रूप टच होते देखा है। टॉफेल ने कहा, यहां चुनौती है, स्लो-मो के साथ इसे धीमा करके देखने। इसे वास्तविक गति से देखेंगे तो यह बहुत शानदार कैच दिखता है। मैं निश्चित रूप से समझ सकता हूं कि तीसरे अंपायर ने वहां क्या किया। उनका मानना है कि उन्होंने गेंद को जमीन पर देखा है और उन्होंने इसे जिस तरह से देखा है, उसे उसी तरह से कहा है। आम तौर पर फेयर कैच पर ICC प्रोटोकॉल के अनुसार अगर आप गेंद के नीचे की उंगलियों को देखते हैं, तो फेयर कैच माना जाता है। लेकिन यहाँ समस्या यह है कि ऑन-फील्ड अंपायर के पास अब सॉफ्ट सिग्नल नहीं है और वह निर्णय नहीं ले सकता, यह अब पूरी तरह से टेलीविज़न अंपायर के हाथों में है।
बता दें कि मैदानी अंपायर बांग्लादेश के शरफ़ुद्दौला अपनी ऊँगली उठाते हुए नज़र आये थे लेकिन उन्हें जल्द ही इस बात का एहसास हो गया था और उन्होंने जल्दी से अपनी उठती हुई ऊँगली को नीचे कर लिया था. ये शरफ़ुद्दौला वही अंपायर हैं जिन्होंने मेलबोर्न टेस्ट में यशस्वी जायसवाल को उस समय आउट दिया था जब स्निकोमीटर किसी भी तरह की स्पाइक नहीं दिखा रहा था और उन्होंने टेक्नोलॉजी की जगह अपनी आँखों पर भरोसा किया और यशश्वी को आउट करार दिया, यशस्वी उस समय काफी अच्छी बल्लेबाज़ी कर रहे थे.