मुग़लकालीन शाही मस्जिद के सर्वे को लेकर कल भड़की हिंसा में मरने वालों की संख्या अब चार हो चुकी है. प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक कल की हिंसा में नईम, बिलाल अंसारी, नौमान और मोहम्मद कैफ की मौत हुई, जिनमें नोमान और बिलाल को कल रात ही सुपुर्दे ख़ाक कर दिया गया था. प्रशासन का दावा है कि संभल में हालात कंट्रोल में हैं लेकिन पूरे ज़िले में इंटरनेट पर पाबन्दी लगा दी है, स्कूल और कालेज बंद कर दिए गए हैं, इसके अलावा अगले कुछ दिनों तक संभल में किसी भी बाहरी के प्रवेश पर पाबन्दी लगा दी गयी है।
जानकारी के मुताबिक कल की हिंसा में शामिल उपद्रवियों की पहचान कर उनकी धरपकड़ की कोशिशें होती रही, एक महिला समेत 21 लोगों को हिरासत में भी लिया गया है. पुलिस के मुताबिक इन लोगों पर NSA के तहत कार्रवाई की तैयारी हो रही है. कल की हिंसा में चार लोगों की मौत के अलावा चार सीनियर पुलिस अधिकारीयों के अलावा काफी संख्या में पुलिस कर्मी भी घायल हुए हैं. पुलिस का कहना है कि उसने उपद्रवियों पर गोली नहीं चलाई है. गोलियां उपद्रवियों की तरफ से चलाई गयी थी और इसके लिए पहले से तैयारी की गयी थी. वहीँ लोगों का कहना है कि मरने वालों को पुलिस की गोलियां लगी हैं.
पुलिस अधिकारीयों ने बताया कि कल के बाद फिर कोई हिंसा की घटना नहीं हुई है लेकिन पुलिस तरह से चौकन्ना है, मुरादाबाद मंडल के तीस थानों की पुलिस हिंसाग्रस्त इलाके में तैनात है और हर हरकत पर पैनी नज़र है. वहीँ कल की घटना की वीडियो सबूतों के साथ एक संस्था ने मानवाधिकार संगठन में शिकायत दर कराई है.
बता दें कि एक स्थानीय कोर्ट में एक याचिका लगाकर ये आरोप लगाया गया था कि शाही मस्जिद पहले हरिहर मंदिर था जिसे तोड़कर शाही जामा मस्जिद का निर्माण किया गया था. इस याचिका पर स्थानीय कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया था जिसके बाद रविवार को सुबह मस्जिद का सर्वे हो रहा था. सर्वे की खबर सुनकर प्रदर्शनकारियों ने मस्जिद परिसर के पास जाकर नारेबाजी करके विरोध जताना शुरू कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को वहां से हटाने के लिए हल्का बल प्रयोग किया और फिर भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। हालात बिगड़ते चले गए और इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गयी।