Crude Oil: यूक्रेन और रूस के युद्ध के बीच कच्चे तेल के दामों में कभी कमी आई है। रूस ने कच्चे तेल के दाम कम किए तो एशिया में उसको भारत और चीन के रूप में बड़े खरीदार मिले हैं।
आईईए की रिपोर्ट की माने तो तेल के दामों में भारी छूट वाले रूसी कच्चे तेल को एशिया में नए खरीदार मिल गए हैं। भारत इससे पहले रूस से कच्चे तेल की खरीदारी कम कर रहा था। लेकिन अब वह रोज 20 लाख बैरल से अधिक कच्चा तेल खरीद रहा है।
दुनिया के शीर्ष तेल उपभोगकर्ताओं भारत और चीन ने मई 2023 में रूस का 80 प्रतिशत तेल खरीद लिया है। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) की रिपोर्ट में कहा गया है कि कच्चे तेल के दामों में कमी करने के बाद और कीमतों में छूट देने पर रूसी कच्चे तेल को एशिया में भारत और चीन के रूप में नए खरीदार मिले हैं।
चीन ने भी अपनी खरीदारी बढ़ाकर पांच लाख बैरल प्रतिदिन से 22 लाख बैरल कर दिया है। रूस दोनों देशों को भारी छूट के साथ कच्चा तेल बेच रहा है। मई 2023 में रूस के समुद्री कच्चे तेल का निर्यात 38.7 औसतन लाख बैरल प्रतिदिन रहा है। जो फरवरी, 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद अभी तक सबसे अधिक बताया गया है।
आईईए की रिपेार्ट के अनुसार भारत और चीन का कुल आयात रूसी तेल की हिस्सेदारी में क्रमश: 45 और 20 प्रतिशत है। रूस के तेल का प्रमुख बाजार यूरोप था। बता दें कि इस समय रूस को प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में रूस का 90 प्रतिशत से अधिक तेल एशियाई देश भारत और चीन खरीद रहे हैं।