भारत में खेली जा रही बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट में में जितना हाइप पिच को लेकर चल रहा है शायद ही इससे पहले कभी ऐसा हुआ हो. पिच पर सवाल तो पहले भी उठते रहे हैं क्योंकि भारत में आम तौर पर स्पिनर को मदद करने वाली पिचें ही बनती हैं यही वजह पिछले दो दशक से भारत अपने घर में सिर्फ एक टेस्ट श्रंखला इंग्लैंड के हाथों हारा है, यहाँ तक मैच भी एक्का दुक्का ही हारे हैं और उनमें भी उसे विदेशी स्पिनरों के हाथों ही हार मिली है. फिर पता नहीं क्यों इतना बवाल उठ रहा है. बवाल शायद इसलिए है कि पांच दिन का टेस्ट दो ढाई दिन में ही ख़त्म हो रहा है.
भारत का माइंड गेम तो नहीं
अब अहमदाबाद में तो पिच को लेकर और भी असमंजस बढ़ा है क्योंकि नरेंद्र मोदी स्टेडियम में दो पिचें कवर से ढकी हुई हैं ऐसे में कौन सी पिच पर मैच होगा इसको लेकर सोशल मीडिया में बड़ी बातें चल रही हैं. दो पिचों को कवर करने को लेकर ऑस्ट्रेलियन मीडिया और कुछ पूर्व खिलाडियों ने भी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि यह माइंड गेम खेला जा रहा ताकि ऑस्ट्रेलिया की टीम अंत तक कन्फ्यूज़न में रहे कि किस सतह पर मैच खेलना है. इन लोगों का कहना है कि भारत अहमदाबाद टेस्ट मैच किसी भी हालत में जीतना चाहता है क्योंकि WTC फाइनल में पहुँचने के लिए यह बहुत अहम है.
टीम इंडिया के भी कन्फ्यूज़ होने की बात
दूसरी तरफ कुछ लोगों का कहना है कि टीम इंडिया खुद कन्फ्यूज़ है कि किस तरह की विकेट पर चौथे टेस्ट में उतरा जाय. कन्फ्यूज़न पिच पर दिख रही घास को लेकर भी है. भारत को ऑस्ट्रेलियन स्पिनर्स ने इंदौर टेस्ट में खूब छकाया था. इतनी लम्बी बैटिंग लाइनअप के बावजूद पहली पारी में टीम इंडिया 109 रनों पर ढेर हो गयी थी. वैसे भी पिछले दो टेस्ट मैचों में भी ऑस्ट्रेलियन स्पिनर्स ने लॉयन के नेतृत्व में बहुत अच्छी गेंदबाज़ी की थी, इसी बात ने भारत का कन्फ्यूज़न भी बढ़ाया है कि क्या तीन दिन वाली पिच पर खेला जाय या पांच दिन वाली पिच पर. बहरहाल पिचों का ये बवाल अहमदाबाद में जारी रहेगा यह तो तय है.