समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अनुसूचित जाति-जनजाति में क्रीमी लेयर के प्रावधान पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को लेकर भाजपा पर कटाक्ष किया है। सपा प्रमुख ने कहा कि संविधान पीडीए के लिए जीवन रेखा है, जबकि आरक्षण प्राणवायु है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि संविधान में एस-एसटी में क्रीमी लेयर का कोई प्रावधान नहीं है। केंद्र सरकार ने इसे सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी करार दिया है। अखिलेश यादव ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि किसी भी तरह के आरक्षण का उद्देश्य उपेक्षित समाज का सशक्तिकरण है। इसका उद्देश्य समाज का विभाजन या विघटन नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो यह आरक्षण के मूल सिद्धांत की अवहेलना है। उन्होंने कहा कि अनगिनत पीढ़ियों से चली आ रही भेदभाव और अवसरों की असमानता की खाई को कुछ पीढ़ियों में आए बदलावों से पाटा नहीं जा सकता। आरक्षण वंचितों और शोषितों को मजबूत और सशक्त बनाने का संवैधानिक तरीका है। इससे ही बदलाव आएगा। आरक्षण को लेकर किसी प्रावधान में बदलाव की जरूरत नहीं है।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार आरक्षण को लेकर हर बार अस्पष्ट बयान देती रही है। भाजपा मुकदमों के जरिए आरक्षण की लड़ाई को कमजोर करने की कोशिश करती है। उन्होंने कहा कि जब पीडीए के विभिन्न घटक दल उस पर दबाव बनाते हैं तो ऊपरी तौर पर सहानुभूति दिखाई जाती है और फिर पीछे हटने का नाटक किया जाता है। उन्होंने कहा कि भाजपा की अंदरूनी सोच हमेशा से आरक्षण विरोधी रही है। यही कारण है कि पीडीए समुदाय के 90 फीसदी लोगों का भाजपा से विश्वास उठता जा रहा है। आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा की विश्वसनीयता शून्य है। दरअसल संविधान पीडीए के लिए संजीवनी की तरह है, जबकि आरक्षण उसकी संजीवनी है।