हरियाणा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने पूर्ण बहुमत हासिल कर जीत की हैट्रिक लगाई। हरियाणा में हार के बाद कांग्रेस के अंदर लगातार मंथन का दौर चल रहा है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग के समक्ष 13 सीटों पर आपत्ति जताई थी जिनमें से 11 सीटों के नाम सामने आ चुके हैं, जबकि दो सीटों के बारे में अभी जानकारी नहीं मिल पाई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिन 13 सीटों पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई थी, उनमें से 12 पर भाजपा ने जीत दर्ज की और एक सीट पर इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने कब्जा किया। इन सीटों को लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपकर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर सवाल उठाए हैं। पानीपत से कांग्रेस के उम्मीदवार वरिंदर कुमार ने आरोप लगाया कि मतगणना के दौरान कई ईवीएम कंट्रोल यूनिट में 99 फीसदी बैटरी लेवल दिखा। उन्होंने दावा किया कि उनके चुनाव एजेंटों को फॉर्म 17सी की प्रतियां मतगणना हॉल में ले जाने की अनुमति नहीं दी गई जिसमें मतदान केंद्र में डाले गए वोटों की संख्या दर्ज होती है। उन्होंने यह भी दावा किया कि एजेंट डेटा का मिलान करने में असमर्थ थे जिससे ईवीएम से छेड़छाड़ का संदेह पैदा हो गया।
कांग्रेस ने जिन 13 सीटों पर गड़बड़ी का लगाया आरोप लगाया है उसमें उचाना कलां की सीट शामिल है जहाँ अंतिम राउंड में भाजपा सिर्फ 32 वोटों से कामयाबी मिली थी। इसके अलावा पटौदी, इंद्री, बडखल, फरीदाबाद एनआईटी, नलवा, रानिया, पलवल, बल्लभगढ़, बरवाला और घरौंडा सीट शामिल हैं