भारत और इंग्लैंड के बीच चौथे टी20 मैच में कन्कशन सब्सटीट्यूट विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने पिछले मैच की घटना पर कटाक्ष करते हुए पांचवें टी20 मैच के लिए अपने 4 सब्सटीट्यूट खिलाड़ियों को ‘इम्पैक्ट सब्स’ कहा। अब, ICC मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड ने इस विवाद पर कुछ विस्फोटक टिप्पणियां की हैं। ब्रॉड ने दावा किया कि ICC गैर-तटस्थ मैच अधिकारियों को ज़िम्मेदारी देने की अनुमति देकर ‘पूर्वाग्रह और भ्रष्टाचार’ के ‘बुरे पुराने’ दिनों की ओर लौट रहा है।
क्रिस ब्रॉड ने लिखा कि इस तरह की स्थितियों को रोकने के लिए स्वतंत्र मैच अधिकारियों को लाया गया था! ICC पक्षपात और भ्रष्टाचार के ‘बुरे पुराने दिनों’ में क्यों लौट रहा है?” ब्रॉड सबसे सम्मानित ICC अधिकारियों में से एक हैं। उन्होंने अब तक अंतरराष्ट्रीय सर्किट पर 622 खेलों में अंपायरिंग की है। इस आंकड़े के साथ वह सबसे ज़्यादा मैच खेलने वाले अधिकारियों की सूची में तीसरे स्थान पर हैं, उनसे आगे रंजन मदुगले (798) और जेफ़ क्रो (656) हैं।
यहां तक कि भारतीय क्रिकेट के महान खिलाड़ी सुनील गावस्कर ने गौतम गंभीर की अगुआई वाली टीम प्रबंधन पर निशाना साधते हुए कहा था कि कन्कशन सब्सटीट्यूट की इजाज़त देना भी सही नहीं था। टेलीग्राफ़ में गावस्कर ने अपने कॉलम में लिखा कि पुणे के मैच में हेलमेट पर चोट लगने के बाद भी शिवम् दुबे ने अंत तक बल्लेबाजी की, इसलिए स्पष्ट रूप से उन्हें कन्कशन सब्सटीट्यूट की अनुमति देना सही नहीं था। अगर बल्लेबाजी करते समय उनकी मांसपेशियों में खिंचाव होता तो एक सब्सटीट्यूट हो सकता था, लेकिन वह सिर्फ़ फ़ील्डिंग के लिए होता और वह गेंदबाज़ी नहीं कर सकते थे।”