चार दिनों तक चलने वाले लोक आस्था के महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है। इसके पहले को नहाय खाय के साथ छठ पर्व आरंभ हो गया था। छठ पर्व का दूसरा दिन शनिवार खरना था। आज यानी रविवार 30 अक्तूबर को छठ महापर्व में शाम के समय डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इसके बाद अगले दिन यानी 31 अक्तूबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का संकल्प पूरा होगा। छठ पर्व मुख्य रूप से बिहार के अलावा झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। छठ पर्व को कई नामों से भी जानते है। जैसे डाला छठ, सूर्य षष्ठी और छठ पूजा है। छठ त्योहार मुख्य रूप से सूर्य और छठी माता की पूजा और उपासना का पर्व है।
इसमें व्रत रखने वाला 36 घंटों तक निर्जला व्रत रखता है और संतान की लंबी आयु और अरोग्यता के लिए छठी माता से आशीर्वाद प्राप्त करता है। आज छठ पूजा के तीसरे दिन का संध्या अर्घ्य का मुहूर्त और आप अपने शहर में किस शुभ मुहूर्त में संध्या अर्घ्य दे सकते हैं। आज छठी मइया की पूजा के लिए प्रसाद बनाया जाता है और शाम को सूर्यास्त के समय डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। लेकिन अर्घ्य देने से पहले घाट पर सायं काल में बांस टोकरी में छठ पूजा सामग्री, फल और पकवान आदि को अर्घ्य सूप में सजाया जाता है और इसके बाद अपने परिवार के साथ सूर्य को अर्घ्य देते हैं।
अर्घ्य के समय लोग पवित्र नदी या घाट के किनारे एकत्रित होकर सूर्य देव को जल अर्पित करते हैं। छठ के प्रसाद से भरे सूप से छठी मइया की पूजा की जाती है। छठ पूजा का तीसरा दिन ( 30अक्तूबर 2022) (संध्या अर्घ्य) सूर्यास्त का आज समय सायं 5:38 पर है।