नई दिल्ली। केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की तैयारी कर रही है। हालांकि इसके लिए राज्यों की सहमति भी जरूरी है। सरकार के इस फैसले से लोगों को राहत मिलेगी। अगर पेट्रोल और डीजल जीएसटी के दायरे में आते हैं तो दोनों की कीमतें काफी सस्ती हो जाएंगी। सवाल है कि अगर पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल कर लिया गया तो पेट्रोल-डीजल कितना सस्ता होगा?
जीएसटी को लेकर नीति
GST को लेकर बैठकों में पेट्रोल डीजल को जीएसटी में लाने पर इससे राज्यों को 2 लाख करोड़ रुपए का सालाना नुकसान होने का अनुमान है। अगर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाते हैं, तो इससे केंद्र सरकार को खुशी होगी, लेकिन राज्य सरकारों को काफी नुकसान होगा। बढ़ती मंहगाई में पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर आम जनता से लेकर सरकारी मशीनरी तक इसको जीएसटी में शामिल करके की मांग कर रहे हैं।
पेट्रोल और डीजल पर टैक्स
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 50 प्रतिशत टैक्स होता है। कई राज्यों में तो यह 50 प्रतिशत से अधिक है। ऐसे में अगर आम आदमी समझना चाहे कि उसने एक लीटर पेट्रोल पर कितना टैक्स दिया तो इस उदाहरण से समझ सकते हैं। अगर एक लीटर पेट्रोल के लिए 105.41 रुपए देते हैं तो इसमें से 49.09 रुपए का टैक्स जाता है। 27.90 रुपए एक्साइज ड्यूटी और 17.13 रुपए का वैट है। इसमें डीलर कमीशन 3.86 रुपए प्रति लीटर होता है।
सस्ता होगा डीजल और पेट्रोल?
पेट्रोल और डीजल की कीमतें में लगभग 46 फीसद तक टैक्स शामिल होता है। जब इसे जीएसटी में शामिल कर लिया जाएगा तो जीएसटी के सबसे अधिक जीएसटी स्लैब होने पर इस पर महज 28 प्रतिशत टैक्स रह जाएगा। इस तरह पेट्रोल और डीजल की कीमत काफी कम हो जाएगी। फिर बेसिक प्राइज पर इतना टैक्स देना होगा। इसके बाद राज्यों की ओर से लिया जाने वाले टैक्स खत्म होगा।