- 12 मई तक देश में कुल चीनी के प्रोडक्शन का 45 परसेंट यूपी में हो चुका है
- दो हजार करोड़ रुपए का गन्ना अधिक पेर चुकी हैं चीनी मिलें
न्यूज़ डेस्क – कोरोनावायरस से हर कोई परेशान है. लेकिन अब एक राहत भरी खबर आ रही है. यूपी के गन्ना और चीनी विकास के मंत्री सुरेश राणा ने बताया है कि 12 मई तक यूपी में 121 लाख टन चीनी का प्रोडक्शन हो चुका है. यह देशभर में हुए कुल प्रोडक्शन का लगभग 45 परसेंट से अधिक है. जबकि पिछले साल यूपी की हिस्सेदारी 38 परसेंट थी.वहीं महाराष्ट्र की बात करें तो वहां अभी तक सिर्फ 60 लाख टन चीनी का प्रोडक्शन हुआ है. इससे यह पता चला है कि मौजूदा पेराई सत्र के चीनी के प्रोडक्शन के मामले में यूपी ने महाराष्ट्र को बहुत पीछे छोड़ दिया है.गौरतलब है कि पिछले साल महाराष्ट्र में 110 लाख टन चीनी का प्रोडक्शन हुआ था. लेकिन इस बार सूखे की मार का असर गन्ने की फसल पर पड़ा.
योगी सरकार का महत्वूपर्ण फैसला बना वजह
यूपी में लॉकडाउन का असर गन्ना किसानों और चीनी उद्योग पर कम दिखा. यूपी में तकरीबन 48 लाख गन्ना किसान हैं.इन्हें ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने यूपी के चीनी मिलों की पेराई नहीं रोकी. 12 मई तक के मिले डेटा के अनुसार, सूबे की चीनी मिलें 107.15 लाख टन गन्ने की पेराई कर चुकी हैं. जबकि पिछले वर्ष चीनी मिलों ने इस अवधि में 101.18 लाख टन गन्ने की पेराई की थी.
लॉकडाउन में जूट की बोरी उपलब्ध कराना था चुनौती
गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री सुरेश राणा ने बताया कि लॉकडाउन में चीनी मिल को चलवाना बहुत बड़ी चुनौती रहा है. हरियाणा और राजस्थान से आने वाले सल्फर, सोडा के साथ पैकिंग के लिए जूट की बोरी उपलब्ध कराना भी चुनौती था. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कहा है कि जब तक आखिरी गन्ना रहेगा चीनी मिल पेराई करेंगी.