TCS: टीसीएस एक तरह से आयकर भुगतान माना जाता है। इसे टीडीएस यानी स्रोत पर कर कटौती या अग्रिम कर की तरह समझ सकते हैं। एक अक्तूबर, 2023 से विदेश यात्रा पर प्रति व्यक्ति सालाना 7 लाख रुपए से अधिक खर्च पर टीसीएस 15 फीसदी बढ़ा दिया जाएगा। अगर अगले महीने यानी अक्तूबर में विदेश यात्रा की योजना बना रहे हैं तो जेब थोड़ी और ढीली करने के लिए तैयार रहें। अगले महीने से विदेशी यात्रा के लिए अधिक कर चुकाना होगा। दरअसल, सरकार एक अक्तूबर, 2023 से 20 प्रतिशत टीसीएस (स्रोत पर कर संग्रह) का नियम लागू करने जा रही है। यह न सिर्फ विदेश यात्राओं पर लागू होगा बल्कि किसी दूसरे देश में किए गए लेनदेन भी इस नए नियम के दायरे में आएंगे। विदेश यात्रा पैकेज खरीदने या विदेश में क्रेडिट-डेबिट कार्ड से सालाना 7 लाख रुपए से अधिक खर्च करने पर 20 प्रतिशत टीसीएस का भुगतान करना होगा। यह खर्च 7 लाख रुपए तक सीमित रहता है तो सिर्फ 5 प्रतिशत ही टीसीएस देना होगा।
15 फीसदी बढ़ेगा खर्च
टीसीएस एक तरह से इनकम टैक्स का भुगतान है। विदेश यात्रा की योजना ऐसे बनाएं कि प्रति व्यक्ति कुल खर्च 7 लाख रुपये से अधिक न हो। अगर अंतरराष्ट्रीय वेबसाइट से इंटरनेशनल क्रेडिट कार्ड के जरिए पैकेज की बुकिंग करते हैं तो टीसीएस से बचा जा सकता है। आयकर विभाग की तरफ से टूर पैकेज की परिभाषा तय नहीं की है। इसलिए, फ्लाइट व होटल बुकिंग उनकी वेबसाइट से सीधे कर सकते हैं। इससे टीसीएस चुकाने से बचा जा सकता है। ध्यान रहे र्च की सीमा 7 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए।
रिफंड के लिए कर सकते हैं दावा, प्रमाणपत्र जरूर लें
निवेश सलाहकार की माने तो टीसीएस भुगतान को टैक्स देनदारी से एडजस्ट कर सकते हैं। टैक्स देनदारी नहीं होने पर आईटीआर के जरिए रिफंड का दावा किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि भुगतान के बाद ट्रैवेल एजेंट या सेवाप्रदाता से टीसीएस प्रमाणपत्र जरूर ले लिया जाए। अगर नौकरीपेशा हैं और कंपनी इसका रिटर्न भरती है तो उसे टीसीएस प्रमाणपत्र जरूर दें जिससे कि टीडीएस देनदारी को एडजस्ट कर सके।