नई दिल्ली। Mutual Fund वर्तमान समय में निवेश का लोकप्रिय साधन है। अधिकांश युवा पैसे को निवेश करने के लिए Mutual Fund का चयन करते हैं। इसमें निवेश शेयर मार्केट के इक्विटी में निवेश के मुकाबले कम जोखिम भरा है।
हालांकि इसमें रिटर्न की गारंटी नहीं होती लेकिन एक निश्चित रिटर्न के लिए इसमें निवेश फायदेमंद होता है। Mutual Fund में पैसे कई जगह पर निवेश किए जाते हैं। इसमें पैसे इक्विटी, डेट, बॉण्ड्स आदि कई जगहों पर निवेश किए जाते हैं। ऐसे में इन सभी निवेश के विकल्पों पर टैक्स अलग अलग लगता है।
Mutual Fund में होल्ड किए निवेश के समय के आधार पर दो तरह के टैक्स लगते हैं। पहला है लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन, जो कि लम्बे समय तक निवेशित रहने पर लगता है। इसके अतिरिक्त दूसरा टैक्स है शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स जो कि थोड़े समय के लिए निवेशित रहने पर लगता है। इसके अतिरिक्त आपने किस तरह के Mutual Fund में निवेश किया है उसके आधार पर भी अलग अलग टैक्स लगता है।
Equity Mutual Fund पर टैक्स
अगर कुल निवेश का 65% हिस्सा इक्विटी में निवेशित है तो रिटर्न पर इक्विटी Mutual Fund का टैक्स लगेगा। इसके लिए लॉन्ग टर्म की होल्डिंग की सीमा एक साल है। यानि अगर एक साल से ज्यादा समय के लिए इक्विटी Mutual Fund में निवेशित रहते हैं तो रिटर्न पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा जो कि कुल रिटर्न का 10% है।
इसके अतिरिक्त 4% सेस देना होगा। वहीं शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स 10% है व इसके साथ 4% का सेस अतिरिक्त देना होता है। इसके अतिरिक्त 1 लाख तक के रिटर्न पर कोई टैक्स नहीं देना होता है।