नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की चौथी किस्त में ढांचागत सुधार को बढ़ावा देने और रोजगार सृजित करने के उद्देश्य पर जोर दिया। वित्त मंत्री ने आत्मनिर्भर भारत के लिए आठ क्षेत्रों- कोयला, खनिज, रक्षा उत्पादन, नागरिक उड्डयन क्षेत्र, केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण कंपनियों, अंतरिक्ष क्षेत्र और परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव की बात कही।
आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज के चौथी किस्त की 10 बड़ी बातें
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- छह और हवाईअड्डों में निजी कंपनियों की भागीदारी के लिये नीलामी की जाएगी
- 12 हवाई अड्डों में निजी कंपनियों से 13 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश
- यात्री उड़ानों के लिए भारतीय वायु मार्गों पर लगी पाबंदियों में लिये ढील दी जायेगी, विमानन क्षेत्र को एक साल में एक हजार करोड़ रुपये के लाभ दिए जाएंगे
- खनिज क्षेत्र में निर्बाध खोज-खनन-उत्पादन व्यवस्था की शुरुआत की जाएगी। 500 ब्लॉकों की नीलामी होगी
- कोयला क्षेत्र में वाणिज्यिक खनन शुरू होगा, सरकार का एकाधिकार समाप्त होगा
- कोयला क्षेत्र में वाणिज्यिक खनन के लिए प्रतिटन शुल्क टन की व्यवस्था के बजाय राजस्व-भागीदारी व्यवस्था पेशक की जाएगी
- रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में स्वत: मंजूरी मार्ग से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 49 से बढ़ाकर 74 प्रतिशत की जाएगी :
- कुछ हथियारों/हथियार मंचों के आयात पर रोक लगाएगी, ऐसे हथियार और साजो सामान की खरीद सिर्फ भारत से की जा सकेगी
- केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण कंपनियों का निजीकरण किया जाएगा. उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए प्रीपेड बिजली के मीटर लगाए जाएंगे.
- खदानों से निकाले गये कोयले के उठाव पर सरकार 50 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी
इसके अलावा स्पेस के क्षेत्र में निजी कंपनियों को मौका दिया जाएगा। निजी कंपनियां भी अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की सुविधाओं का प्रयोग कर पाएंगी।