RBI released MPC minutes: आरबीआई ने छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति के मिनट्स जारी किए। मिनटों में आरबीआई गर्वनर दास ने बताया कि मौद्रिक नीति का मूल लक्ष्य महंगाई को चार प्रतिशत करना है। इस्राइल-हमास के बीच जारी संघर्ष से महंगाई अब चरम पर है। उच्च ब्याज दरों से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज कहा कि ब्याज दर फिलहाल ऊंची बनी रहेगी। आने वाले समय और वैश्विक स्तर पर उभरती स्थिति बताएगी कि यह कितने समय तक ऊंचे स्तर पर बनी रहेगी। कीमतों पर गवर्नर ने कहा कि महंगाई में निरंतर कमी लाने के लिए आरबीआई नजर रखेगा। हमारा उद्देश्य खुदरा महंगाई को 4 फीसदी पर लाना है। इसके लिए आरबीआई हर जरूरी प्रयास करेंगे।
कौटिल्य इकनॉमिक कॉन्क्लेव-2023 में आरबीआई गवर्नर दास ने इस बात पर जोर दिया कि मौद्रिक नीति महंगाई घटाने वाली होनी चाहिए। इसके ऐसा होने से जुलाई, 2023 में 7.44 प्रतिशत के उच्चतम स्तर से खुदरा महंगाई में गिरावट जारी है। सितंबर में महंगाई दर माह के निचले स्तर 5.02 प्रतिशत पर आ गई। मौद्रिक नीति हमेशा चुनौतीपूर्ण रहती है और इसमें आत्मसंतुष्ट होने की बात नहीं है।
विश्व के केंद्रीय बैंकों ने प्रमुख नीतिगत दरें बढ़ाई
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मौजूदा भू-राजनीतिक संकट को देखते हुए विश्व के केंद्रीय बैंकों ने प्रमुख नीतिगत दरें बढ़ाई हैं। लेकिन महंगाई पर काबू करने के लिए आरबीआई ने इस साल फरवरी से नीतिगत दर में बढ़ोतरी नहीं की है। यह 6.5 प्रतिशत पर स्थिर है। भारतीय मुद्रा में उतार-चढ़ाव पर गवर्नर दास ने कहा कि एक जनवरी, 2023 से अब तक रुपए में 0.6 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसी अवधि में अमेरिकी डॉलर 3 प्रतिशत टूटा है। इसके चलते भारतीय रुपया स्थिर है।
सिर्फ 10 हजार करोड़ रुपए मूल्य के 2,000 के note चलन में
आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि 2,000 रुपए के नोट वापस आ रहे हैं। अब सिर्फ 10,000 करोड़ रुपए मूल्य के नोट लोगों के पास हैं। ये नोट जल्द ही वापस आएंगे या जमा करा दिए जाएंगे। गवर्नर ने कहा कि फिर से 1,000 रुपए के नोट नहीं आएंगे। हालांकि, कोई आधिकारिक सूचना इस बारे में नहीं आई है।
India global growth का नया इंजन बनने के लिए तैयार
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हमारे आर्थिक बुनियादी सिद्धांत व वित्तीय क्षेत्र मजबूत हैं। भारत वैश्विक वृद्धि का नया इंजन बनने को तैयार है। चालू वित्त वर्ष 2023.24 में भारत की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि वैश्विक जीडीपी में महंगाई, धीमी वृद्धि और वित्तीय स्थिरता के मोर्चे पर काफी जोखिम है।
West Asia crisis और क्रूड आयल में तेजी का असर
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि पश्चिम एशिया में संकट के प्रभाव और पिछले एक पखवाड़े में अमेरिकी बॉन्ड के रिटर्न में वृद्धि हुई है। इसका अर्थव्यवस्थाओं पर व्यापक असर पड़ा है। क्रूड आयत की कीमतें बढ़ी हैं। ये कुछ अनिश्चितताएं हैं, लेकिन वे कुछ मामलों में और स्पष्ट हुई हैं। हर जगह जो हो रहा है, उसका असर हम पर पड़ता है। इसमें कोई संदेह नहीं है।