BIS क्वालिटी मार्क के बिना सामान बेचने को लेकर पूरे देश में बड़ी कार्रवाई की गयी है, इस मामले में कई ब्रांडेड कंपनियों के स्टोरों से हज़ारों खिलौनों को ज़ब्त कर लिया गया है और Amazon, Flipkart और Snapdeal जैसी तीन प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों को भी नोटिस जारी किया है. इन्हें भारतीय मानक ब्यूरो, जैसे उपभोक्ता संरक्षण नियामक सीसीपीए ने खिलौनों की गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के उल्लंघन के लिए नोटिस जारी किया गया है.
देश भर में 18,600 खिलौने ज़ब्त
बता दें कि भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने हैमलेज और आर्चीज सहित खुदरा स्टोरों से देश भर में 18,600 खिलौनों को जब्त कर लिया है। BIS राष्ट्रीय मानक निकाय है जो माल के मानकीकरण, मार्किंग और गुणवत्ता प्रमाणन के लिए जिम्मेदार है। बीआईएस के मुताबिक उसे खिलौनों की बिक्री के घरेलू निर्माताओं से शिकायतें मिली हैं। BIS महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने कहा कि हमने पिछले एक महीने में 44 छापे मारे और बड़े खुदरा स्टोरों से 18,600 खिलौने जब्त किए। इसके अलावा देश भर के प्रमुख हवाई अड्डों और मॉल में हैमलेज, डब्ल्यूएच स्मिथ, आर्चीज, कोकोकार्ट और किड्स जोन सहित खुदरा स्टोरों पर छापे मारे गए। अब इनके खिलाफ बीआईएस अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
खिलौना निर्माताओं को BIS लाइसेंस लेना ज़रूरी
वहीँ केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA ) चीफ निधि खरे ने ने बताया कि बिना BIS मानक वाले खिलौने बेचने पर Amazon, Flipkart और Snapdeal को भी नोटिस जारी किया गया है। बता दें कि 2020 में खिलौने (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी किया गया था, 1 जनवरी, 2021 से लागू इस आदेश के मुताबिक भारत में सभी खिलौना निर्माताओं को BIS लाइसेंस लेना ज़रूरी है। सरकार ने यह फैसला बाजार से सस्ते-गुणवत्ता वाले सामानों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए किया था।