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मौद्रिक समीक्षा बैठक: रेपो रेट 4% पर बरकरार

बिज़नेसमौद्रिक समीक्षा बैठक: रेपो रेट 4% पर बरकरार

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मौद्रिक समीक्षा बैठक: रेपो रेट 4% पर बरकरार

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की दिसंबर की मौद्रिक समीक्षा बैठक में एक बार फिर मुख्य ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया. यह फैसला खुदरा महंगाई क उच्च स्तर को देखते हुए लिया गया है. खुदरा मुद्रास्फीति इस समय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है. यह लगातार तीसरी बार है, जब भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली 6 सदस्यों की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट को जस का तस छोड़ा है. रेपो रेट 4%, रिवर्स रेपो रेट 3.35%, कैश रिजर्व रेशियो 3% और MSF रेट व बैंक रेट 4.25% के स्तर पर बरकरार हैं.

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि MPC के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से रेपो रेट को अ​परिवर्तित रखने का फैसला किया है. यह भी फैसला किया गया है कि मॉनेटरी पॉलिसी के एकोमोडेटिव स्टैंड को जब तक जरूरी हो तब तक बरकरार रखा जाए. कम से कम मौजूदा वित्त वर्ष और अगले ​साल में इस रुख को बरकरार रखे जाने का फैसला किया गया है ताकि महंगाई को लक्ष्य के अंदर रखते हुए ग्रोथ रिवाइव हो सके और कोविड19 का प्रभाव कम हो सके.

दास ने कहा कि खुदरा महंगाई के वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही में 6.8 फीसदी, चौथी तिमाही में 5.8 फीसदी रहने का अनुमान है. वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही में खुदरा महंगाई 5.2 से 4.6 फीसदी तक रहने का अनुमान है. RBI गवर्नर ने कहा कि इकोनॉमी उम्मीद से अधिक तेजी से आगे बढ़ रही है. ग्रामीण मांग में रिकवरी के और मजबूत होने की उम्मीद है, साथ ही शहरी मांग भी तेजी पकड़ रही है. अनुमान है कि वित्त वर्ष 2020-21 में देश की रियल जीडीपी ग्रोथ रेट -7.5 फीसदी रहेगी. वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही में इसके +0.1 फीसदी, चौथी तिमाही में +0.7 फीसदी रहने का अनुमान है. वहीं वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही में ग्रोथ रेट 21.9 फीसदी से 6.5 फीसदी तक रहने का अनुमान जताया गया है.

रिजर्व बैंक का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था में 9.5 फीसदी की गिरावट आएगी. MPC की अक्टूबर में हुई पिछली बैठक में बढ़ी हुई खुदरा महंगाई की वजह से नीतिगत दरों में बदलाव नहीं किया गया था. अगस्त की बैठक में भी ब्याज दरें नहीं बदली थीं. आखिरी बार मई में ब्याज दरों में 40 बेसिस प्वॉइंट और मार्च में 75 बेसिस प्वॉइंट की कटौती की गई थी. इस साल फरवरी से केंद्रीय बैंक रेपो दर में 1.15 फीसदी की कटौती कर चुका है.

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