IndiGo-Go First Merger: भारत की सबसे बड़ी विमान कंपनी इंडिगो एयरलाइन (IndiGo Airlines) और गो फर्स्ट का विलय होगा। हालांकि इस पर इंडिगो ने अभी किसी तरह की टिप्पणी नहीं की है। लेकिन माना जा रहा है कि दोनों विमानन कंपनियों का निकट भविष्य में विलय तय है। संकट में फंसी गो फर्स्ट (Go First) एयरलाइन के साथ विलय की चर्चाओं को इंडिगो ने प्रतिक्रिया दी है। इंडिगो एयरलाइन ने संकट से जूझ रही गो फर्स्ट के बारे में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। इंडिगो ने कहा, ‘वह बाजार की अटकलों पर कमेंट नहीं कर सकती।’ हालांकि, ‘कंपनी गो फर्स्ट के साथ विलय की खबरों की न पुष्टि कर रही है और ना ही इसका खंडन किया है।’
विलय को लेकर हो चुकी कई बैठकें
बता दें कि जानकारी आ रही हैं कि इंडिगो विमानन कंपनी कर्ज में डूबी GoFirst के विलय करने पर विचार कर रही है। इसी के साथ कंपनी ने इसको लेकर बैठकें भी की हैं। IndiGo ने Go First के साथ विलय को लेकर कहा कि बाजार की अदकलों पर किसी प्रकार की टिप्पणी नहीं करती। इंडिगो ने कहा कि वह अपनी ग्रोथ स्ट्रैटेजी पर ध्यान केंद्रित करती है।
रिपोर्ट के अनुसार विलय और अधिग्रहण डील में पांच साल तक का समय भी लग सकता है। इंडिगो इस समय बाजार हिस्सेदारी और बेड़े के आकार के मामले में बड़ी एयरलाइन कंपनी है। यह भारतीय बाजार के 70 प्रतिशत को नियंत्रित करती है। इंडिगो ने अपने Q4 परिणामों में राजस्व में 76.5 फीसद की छलांग के साथ 919 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है।
गो फर्स्ट की सभी उड़ानें हैं रद्द
वित्तीय संकटों से जूझ रही गो फर्स्ट ने गत 2 मई 2023 को आवेदन कर खुद के दिवालिया होने की प्रक्रिया शुरु की थी। इसके बाद कंपनी ने 12 मई तक के लिए सभी उड़ानें रद्द कर दी थी। 13 से 22 मई तक की उड़ानों के लिए हवाई टिकट बुक करने बंद कर दिए थे। हाल में Go First ने 12 जून, 2023 तक उड़ान सेवाएं रद्द करने का निर्णय लिया है।
Go First ने कहा कि ऑपरेशन को शुरू करने के लिए उन्होंने प्रार्थना पत्र दिया है। उन्होंने कहा, “हम स्वीकार करते हैं कि उडानों के निरस्त होने से यात्रा प्लान खराब हुआ होगा। और हम इसके लिए जो सहायता कर सकते हैं, करेंगे।” इसके पहले 5 जून सोमवार को, गो फर्स्ट ने विमानन प्राधिकरण को जानकारी दी थी कि वे अपनी सेवाओं को फिर से शुरू करने की अनुमति मिलने के बाद प्रत्येक दिन 152 उड़ानों का संचालन शुरू करने को तैयार हैं।