व्यापर:- अभी जहाँ कुछ वर्ष पहले तक भारत मे स्टार्टअप की धूम थी स्टूडेंट्स कॉलेज से निकलकर अपना बिजनेस शुरू कर रहे थे और उन्हें काफी हद तक सफलता भी मिल रही थी। लेकिन आज कोविड के दौर के बाद से स्टार्टअप करने वाले स्टूडेंट्स के लिए कंडीशन बदल गई है और अब उन्हें नया बिजनेस शुरू करने से पहले काफी सोचना पड़ता है। वही अगर आप किसी स्टार्टअप कम्पनी में अपनी पहली नौकरी कर रहे हैं तो यह आपके लिए ज्यादा दिक्कत कर सकता है।
क्योंकि बीते दिनों से शेयर बाजार का माहौल काफी खराब है। जो स्टार्टअप के जो शेयर लिस्ट हुए वह धड़ाम भी हुए हैं। जिसके चलते मार्केट में उनकी वैल्यू काफी कम हो गई है और कम्पनी को पैसा जुटाने में काफी समस्या हो रही है। वही लोगो को कम्पनी प्रॉपर तरीके से न सैलरी पे कर पा रही है और न लॉन्ग टाइम जॉब दे पा रही है। पिछले तीन चार महीने से कई ऐसी खबरें आ रही है जिनकी वजह से अब पढ़ाई के बाद जॉब मार्केट में एंटर करने वाले युवा स्टार्टअप की जगह पुरानी बड़ी कंपनियों को देख रहे हैं. पिछले कुछ हफ्ते में 1700 से अधिक स्टाफ को स्टार्टअप ने बाहर निकाल दिया है।
जहाँ बायजुज सबसे ज्यादा पॉपुलर स्टार्टअप कम्पनी है वही अनएकेडमी भी इसे काफी टक्कर दे रही है लेकिन इन दोनों ने शेयर बायर के गिरने के बाद से अपने हजारों कर्मचारियों की छटनी कर दी है। इसके अलावा बेंगलुरु की ई कॉमर्स कंपनी मीशो ने 150 स्टाफ को ग्रोसरी विभाग से हटा दिया है. ट्रेन नाम के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने 300 स्टाफ को नौकरी से निकाल दिया है। पिछले 5 महीने में भारत के स्टार्ट अप ने कम से कम 6000 स्टाफ को निकाल दिया है। वही विशेषज्ञयों का कहना है कि अभी स्टार्टअप में छटनी का केस जारी रहेगा तो अगर आप भी किसी स्टार्टअप कम्पनी से जुड़े हुए हैं तो आपको सतर्क रहने की आवश्यकता है क्योंकि हो सकता है अगली बारी आपकी हो।